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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा पुख्ता, अनधिकृत वाहनों का घुसना नामुमकिन, लगाया गया ये सिस्टम

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Noida: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ी कर दिया है। अब किसी भी अनधिकृत (घुसपैठिया) वाहन का एयरपोर्ट पर अतिक्रमण करना मुश्किल ही नहीं, लगभग नामुमकिन हो जाएगा। सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए एयरपोर्ट के पूर्वी और पश्चिमी द्वारों पर क्रैश-रेटेड बॉलार्ड सिस्टम सक्रिय कर दिया गया है। जिसे हाल ही में एयरपोर्ट प्रबंधन को ईसेक सिक्योरिटी कंसल्टेंट कंपनी ने सुपुर्द किया।

वाहन को कर देगा क्षति-विक्षत
ईसेक के परियोजना प्रबंधक अजित सिंह यादव ने बताया कि यह उन्नत तकनीक का सुरक्षा तंत्र कुछ ही दिन पूर्व एयरपोर्ट प्रबंधन को सौंपा गया। यह बॉलार्ड सिस्टम किसी भी वाहन को कुछ ही क्षण में रोकने और नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह किसी भी संभावित खतरे को रनवे के लगभग एक किलोमीटर पहले ही निष्क्रिय कर देगा।  यदि कोई अनधिकृत वाहन एयरपोर्ट की सुरक्षा-सीमाओं के भीतर घुसने का प्रयास करेगा तो सुरक्षा प्रणाली मिली सेकंड के भीतर उसे रोकेगी। आवश्यकतानुसार वाहन को क्षत-विक्षत करते हुए आगे बढ़ने से रोक देगी।

सिस्टम कैसे काम करता है?
गेट पर स्थापित बाहरी सेंसर्स और एआई-सक्षम कैमरे नियमित रूप से आने वाले वाहनों की नंबर प्लेट और पहचान की स्कैनिंग करेंगे।  रिन्यू (RFID) फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन सिस्टम से प्राधिकृत वाहनों की पहचान होती है। अधिकृत वाहनों के पास रीजिस्टरड टैग/कार्ड होगा। जैसे ही कोई वाहन अनधिकृत जोन में प्रवेश करने का प्रयास करेगा, जमीन के भीतर फिट किये गए उच्च-ताकत वाले गोल खंभे (बॉलार्ड) तेज़ी से ऊपर उठ जाते हैं और मार्ग अवरुद्ध कर देते हैं। कुछ खंभे स्थायी रूप से लगे होते हैं तो कुछ आवश्यकतानुसार उठते-बिछते हैं। गेट पर बूम बैरियर के साथ ही टायर किलर भी तैनात हैं। अलर्ट मिलने पर लंबी नुकीली कीलें उठकर टायरों को पंचर कर देती हैं और वाहन को गतिहीन कर देती हैं। परिसर में टर्न-स्टाइल सिस्टम सक्रिय है, जो पैदल चलने वाले लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करेगा और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेगा। 

रनवे से पहले खतरे निष्क्रिय करने की रणनीति
प्रणाली का डिज़ाइन इस तरह किया गया है कि संभावित खतरा रनवे तक पहुंचते-पहुंचते ही बेअसर हो जाएगा। यानी विमानपीठ (रनवे) से दूरी पर ही तमाम अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके। इससे हवाई अड्डे के संचालन और सैकड़ों/हज़ारों यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। सुरक्षा बढ़ाने के इन कदमों का उद्देश्य यात्रियों और एयरपोर्ट स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। चूंकि अधिकतर नियंत्रण स्वचालित और अनुकूलित प्रणालियों के माध्यम से होंगे, इसलिए मानक परिचालन (authorized entry/exit) पर कोई बड़ा व्यवधान नहीं आने की उम्मीद है। साथ ही, आपातकालीन वाहनों और प्राधिकृत कर्मचारियों के लिये अलग प्रोटोकॉल और परमिशन मैकेनिज़्म होंगे ताकि उनका प्रवेश निर्बाध रहे। (प्रोटोकॉल के विशिष्ट विवरण एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा समय-समय पर जारी किए जाएंगे।)

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