Noida: लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार बड़ा उलटफेर हुआ है। उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस ने मिलकर भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है। इस चुनाव में 9 विधायक सांसद चुन लिए गए हैं। वहीं, कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता सजा मिलने के बाद चली गई है। वहीं मनोज पांडे के इस्तीफा देने से ऐसे में उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव जल्द होगा। खाली हुई सीटों पर 6 महीने में चुनाव कराने का प्रावधान है।

सपा और कांग्रेस में सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन जारी
लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से सपा और कांग्रेस उपचुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। हालांकि सीट बंटवारे को लेकर अभी तक किसी नतीजे पर कोई भी पार्टी नहीं पहुंची है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी कांग्रेस को 1 या 2 सीटें देना चाह रही है। वहीं, कांग्रेस अधिक सीटें मांग रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि उपचुनाव में दोनों पार्टियों का गठबंधन कितना मजबूत होगा। क्योंकि सपा और कांग्रेस को इस बार यूपी जनता ने अपनाया है, तो दोनों की दावेदारी मजबूत है। वहीं, भाजपा अभी अपनी हार की समीक्षा में जुटी हुई है।


11 सीटों पर होगा उपचुनाव
मैनपुरी की करहल सीट, अम्बेडकर नगर की कटेहरी, अयोध्या की मिल्कीपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर जिले की मझवा, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर की कैंट सीट, अलीगढ़ की खैर और रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा पर उपचुनाव होगा।


करहल विधानसभाः इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक थे। अखिलेश के अब कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ये सीट खाली हो गई है।


फूलपुर विधानसभाः इस सीट से बीजेपी के प्रवीण पटेल विधायक थे. जो 2024 के लोकसभा में सांसद चुने गए हैं. ऐसे में यह भी सीट खाली हो गई है।

मझवा विधानसभाः सीट मिर्जापुर लोकसभा की इस सीट सीट से डॉ विनोद बिंद बीजेपी से गठबंधन के सहयोगी निषाद पार्टी विधायक चुने गए थे. इस बार विनोद बिंद बीजेपी के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है.

मीरापुर विधानसभाः इस सीट से रालोद के चंदन चौहान विधायक थे. जो इस बार बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं.

मिल्कीपुर विधानसभाः सपा के अवधेश प्रसाद इस सीट से विधायक थे. जो इस बार सपा के टिकट पर फैजाबाद सीट से सीट से सांसद चुने गए हैं. उनकी जीत इसलिए बड़ी हैं, क्योंकि भाजपा ने भव्य राम मंदिर बनाया गया है.

कुंदरकी विधानसभाः इस सीट से समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान बर्क विधायक थे लेकिन अब वो संभल सीट से सांसद बन गए हैं.

गाजियाबाद विधानसभाः इस सीट से बीजेपी के अतुल गर्ग विधायक थे। जो इस बार सांसद चुने जाने के बाद यहां उपचुनाव होगा है.

कटेहरी विधानसभाः इस सीट सपा के लालजी वर्मा विधायक थे। लेकिन अब लालजी वर्मा सांसद बन गए हैं. जिसके बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है।

खैर विधानसभा सीटः अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट भी बीजेपी विधायक अनूप प्रधान के इस्तीफे के बाद खाली हो गई है. अनूप प्रधान हाथरस से सांसद चुने गए हैं।

ऊंचाहार विधानसभाः रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा सीट पर भी जल्द ही उपचुनाव हो सकते हैं. विधायक मनोज पांडे ने चुनाव के दौरान उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया था।

कानपुर कैंटः इस सीट से समाजवादी पार्टी से इरफान सोलंकी विधायक चुने गए थे। इरफान सोलंकी को हाल ही कई मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। सजा मिलने के बाद इरफान सोलंकी की सदस्यता चली गई है। इस वजह से इस सीट पर भी उपचुनाव होगा।

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