Noida: लोटस-300 में अरबों के घपले की पोल अब परत दर परत छट रही है। लेकिन जैसे-जैसे ईडी की छापा मार कार्रवाई आगे बढ़ रही है, गुप्ता बंधुओं के नए-नए कारनामें भी सामने आ रहे हैं। नोएडा में हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के लोटस-300 प्रोजेक्ट में 350 फ्लैट के 636 करोड़ रुपये की ईडी जांच कर रही है। लोटस-300 प्रोजेक्ट में आम लोगों के 636 करोड़ रुपये शारदा एक्सपोर्ट ग्रुप के मालिक आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता ढ़कार गये हैं। इसी कड़ी में ईडी की टीम बीते मंगलवार देर रात से शारदा एक्सपोर्ट ग्रुप के मालिक आदित्य गुप्ता और उनके भाई आशीष गुप्ता के ठिकानों पर छापा मार रही है। इसमें गुप्ता बंधुओं के कनेक्शन भी अब खुलकर सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है गुप्ता बंधुओं का नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह से भी कनेक्शन था। ईडी की जांच की रडार में आए नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ईडी की टीम इस जांच में भी जुटी है कि आखिर गुप्ता बंधुओं ने लोटस-300 प्रोजेक्ट के 636 करोड़ रुपये को कहां इनवेस्ट किए हैं।

नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO से कनेक्शन!

मेरठ में शारदा एक्सपोर्ट के ठिकानों पर ईडी की छापामार कार्रवाई जारी है। शारदा एक्सपोर्ट के मालिक आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के ठिकानों से करोड़ों के हीरे, सोने और चांदी के जेवरात के साथ नकदी बरामद हुई है। ईडी की कार्रवाई में ये बात भी सामने आई है कि गुप्ता बंधुओं का राजनीतिक और ब्यूरोक्रेट्स में रसूख है। ईडी की जांच में नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ रहे मोहिंदर सिंह भी हैं। टीम ने मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास पर भी छापा मारा। पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे मोहिंदर सिंह के आवास से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सात करोड़ रुपये के हीरे बरामद किए हैं। ईडी ने नोएडा की रीयल एस्टेट कंपनी हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मेरठ और गोवा स्थित ठिकानों पर मंगलवार को छापा मारा था, जिसमें मोहिंदर सिंह का आवास भी शामिल था।

शेल कंपनियों के जरिए दूसरे प्रोजेक्ट में किये गये निवेश?

आदित्य और आशीष गुप्ता ने नोएडा में बुलेवार्ड नाम से अपार्टमेंट का निर्माण करवाया है, जो अब ईडी की जांच के दायरे में आ चुका है। अलग-अलग छापे के के दौरान ईडी को कंपनी के निदेशकों के बैंक लॉकरों के बारे में भी पता चला है, जिन्हें जांच की जा रहा है। इसके अलावा कई शेल कंपनियों के बारे में भी ईडी की टीम को पता चला है, जिसमें निवेशकों की रकम को डायवर्ट कर दूसरी निर्माण परियोजनाओं में इन्वेस्ट किया जा रहा था। अब ईडी की टीम वर्तमान और पूर्व निदेशकों को भी नोटिस जारी कर जांच के लिए बुला रही है।

देवू मोटर्स की ऐसे हुई खरीद-फरोख्त?

सूत्रों की माने तो आशीष गुप्ता ने लोटस प्रोजेक्ट की कमाई को देवू मोटर्स में लगाया है। देवू मोटर्स की 204 एकड़ जमीन को 359 करोड़ रुपये में खरीदा गया था। देवू मोटर्स में दूसरे संस्थानों के नाम भी सामने आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आशीष गुप्ता के साथ नोएडा के एक निजी अस्पताल का पैसा भी देवू मोटर्स की जमीन में लगा है। निजी अस्पताल का आईपीओ भी कुछ ही महीने पहले आया है। निजी अस्पताल के साथ मिलकर आशीष गुप्ता देवू मोटर्स में कुछ बड़ा खेल कर पाते, उससे पहले ही ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। अब आशीष गुप्ता के एक से बढ़कर एक कारनामें सामने आ रहे हैं।

देवू मोटर्स जमीन खरीद मामले में ऐसे हुआ खेल?

आशीष गुप्ता की कंपनी शाकुंतलम लैंडक्रॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने प्लानिंग के साथ देवू मोटर्स की जमीन यूपीसीडा के अफसरों से मिलकर ली थी। इस जमीन को बेचने के लिए पॉलिसी में परिवर्तन करवाकर शाकुंतलम कंपनी ने बड़ा खेल करवाया था। इस गड़बड़झाले में यूपीसीडा के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। लेकिन कहा जाता है ना कि कोई कितना भी शातिर क्यों ना हो वो कुछ ना कुछ लूपहोल जरूर छोड़ जाता है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। यूपीसीडा के अधिकारी पॉलिसी बनाते, उससे पहले ही शाकुंतलम कंपनी ने अखबारों में विज्ञापन दे देकर उसी अधूरी पॉलिसी पर लैंड बेंचने का दावा ठोक दिया।

क्या घर खरीददारों को भी ऐसे ही दिए लालच?

लोटस-300 प्रोजेक्ट में कुल 330 फ्लैट बनाए जाने थे। इसी के एवज में घर खरीददारों से 636 करोड़ रुपये कंपनी ने जुटाए थे। इस कंपनी ने लोगों को घर देने के बजाए उनके अरबों रुपये का गबन कर लिया और प्रोजेक्ट के सात एकड़ जमीन भी बेंच दिए। कुछ ऐसे ही लुभावने वादे शाकुंतलम डील में भी किये गये थे। लोटस-300 में अरबों रुपये के घोटाले के मामले में EOW इसकी जांच कर रही थी, अब ईडी ने बड़ी छापेमार कार्रवाई कर आशीष गुप्ता के घपलों की पूरी तरह से पोल खोल दी है। ईडी के सोर्स बताते हैं कि बहुत जल्द इन पर मुकदमा भी दर्ज करवाया जाएगा।

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