Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दिनोंदिन हवा जहरीली होती जा रही है। दोनों शहरों में सुबह के स्मॉग देखा जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां पिछले चार दिन से एक्यूआई रेड जोन में बना हुआ है। ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 375 और नोएडा का एक्यूआई 329 दर्ज किया गया है। वहीं नोएडा देश का नौवां और एनसीआर का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा है।
14 टीमें कर रहीं निगरानी
बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट के सभागार में ग्रैप को लेकर प्राधिकरण और यूपीपीसीबी के अधिकारियों संंग बैठक की। बैठक में डीएम ने ग्रैप का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों से सड़क की धूल पर नियंत्रण करने के लिए दिन के साथ-साथ रात में भी निरीक्षण करने को कहा गया। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि 14 टीम लगातार निगरानी कर रही हैं, इसके साथ ही टैंकरों से पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है।
सेक्टर-62 का एक्यूआई 392 पहुंचा
बता दें कि मंगलवार को सेक्टर-62 नोएडा का सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा। यहां के मॉनिटरिंग स्टेशन में एक्यूआई 392 दर्ज किया गया। वहीं, सेक्टर-116 का एक्यूआई 318 और सेक्टर-1 का एक्यूआई 317 रहा।
ग्रेनो के कॉलेज पर 25 लाख जुर्माना
नियमों का पालन नहीं करने पर नॉलेज पार्क तीन स्थित एनआईईटी कॉलेज पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यूपीपीसीबी क्षेत्रीय अधिकारी देव कुमार गुप्ता ने बताया कि कॉलेज के निर्माणाधीन साइट पर धूल उड़ रही थी। मौक पर ग्रीन नेट और एंटी स्मॉग गन नहीं मिले। निर्माणाधीन साइट के 500 मीटर के दायरे में एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशन भी है। इसी तरह से नोएडा में वायु प्रदूषण फैलाने के 12 मामलों में 11.65 लाख का जुर्माना लगाया गया।