Noida: पुलिस का नाम क्रिमिनल हिस्ट्री उजागर करना होता है, लेकिन नोएडा से पुलिस अधिकारी द्वारा क्रिमिनल हिस्ट्री छुपाने का मामला सामने आया है। दरअसल, महाठग विनोद धामा की क्रिमिनल हिस्ट्री छुपाने वाले नोएडा सेक्टर-63 के जांच अधिकारी SI दीपक दीक्षित के खिलाफ एक्शन लेते हुए सस्पेंड कर दिया गया है।

UPSTF की टीम ने महाठग को किया था गिरफ्तार

फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले महाठग विनोद धामा को यूपी एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया था और उसे नोएडा सेक्टर 63 थाने के सुपुर्द किया था। उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया। जिसकी रिपोर्ट SI दीपक दीक्षित को सौंपी गई थी।

महाठग के केस को बनाया था कमजोर

केस के विवेचक दीपक दीक्षित पर ये आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ठग विनोद धामा के खिलाफ कमजोर केस तैयार किया, जिसमें उन्होंने क्रिमिनल हिस्ट्री का उल्लेख नहीं किया। जिसके चलते विनोद धामा को सीजेएम कोर्ट से जमानत मिल गई। सिर्फ ये ही नहीं बल्कि कोर्ट में सुनवाई के समय दरोगा कोर्ट में भी मौजूद नहीं थे। दारोगा ने सारी क्रिमिनल हिस्ट्री को साफ कर दिया था। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट के एसपीओ ने रिमांड न मिलने पर अपील भी नहीं की थी।

धामा के खिलाफ दर्ज केस की 4 धाराओं में उम्रकैद की सजा

सैंकड़ों लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले धामा के खिलाफ सीकर (राजस्थान) और बागपत में केस दर्ज हैं। महाठग विनोद धामा के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 63 में मुअस 401/24 धारा 318 (4)/111 (2) बी/111 (3)/111(4)/316(2)/61 (2) ए बीएनएस एवं 66 आईटी एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज है। इस मामले में दरोगा दीपक दीक्षित को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि सेक्टर 63 थाना प्रभारी के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की गई है।

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