Noida: दीपोत्सव पर्व इस साल 5 नहीं 6 दिन का होगा। जिसकी शुरुआत 10 नवंबर को धनतरेस से हो गई है। आइए जानते हैं इस दीपोत्सव पर पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि। हिंदू धर्म में दीपावली सबसे धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल दीपावली कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। इस बार कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर को दिन में 2:12 बजे लग रही है, जो 13 नवंबर को दिन में 2:41 बजे तक रहेगी।

वैदिक शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल एवं महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या में होती है। इसमें प्रदोष काल का महत्व गृहस्थों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। अमावस्या व्यापिनी महानिशीथ काल 12 नवंबर को मिल रहा है। अत: इस बार दीप ज्योति पर्व दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। धर्म शास्त्रों में दीपावली के पूजन में प्रदोषकाल अति महत्वपूर्ण होता है। प्रदोष काल मानक समयानुसार शाम 5:11 से 6:23 बजे तक रहेगा।

पूजन विधि

दीपावली की शाम देव मंदिरों के साथ ही गृह द्वार, कूप, बावड़ी, गोशाला इत्यादि में दीपदान करना चाहिए। रात्रि के अंतिम प्रहर में लक्ष्मी की बड़ी बहन दरिद्रा का निस्तारण किया जाता है। व्यापारी वर्ग को इस रात शुभ तथा स्थिर लग्न में अपने प्रतिष्ठान की उन्नति के लिए कुबेर-लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इस रात गणेश-लक्ष्मी कुबेर जी का पंचोपचार का षोडशोपचार पूजन कर धूप दीप प्रज्जवलित कर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्तम, कनकधारा, लक्ष्मी चालीसा समेत किसी भी लक्ष्मी मंत्र का जप पाठ आदि करना चाहिए।

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