Gautam Buddha Nagar: लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने फिर से नोएडा में अपने प्रत्याशी को बदल दिया है. गुटबाजी के चलते राहुल अवाना की जगह अब सपा के कद्दावर नेता डॉ. महेंद्र नागर पर भरोसा जताया है. पिछले काफी समय से राहुल को लेकर मंथन चल रहा था. गुटबाजी की शिकायतों के बाद इस फैसले को लिया गया है. बता दें सबसे पहले पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागर को ही टिकट दिया था. बाद में नोएडा के राहुल अवाना को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. लेकिन अब ऐन वक्त पर फिर से बदल दिया गया है. जिसके बाद सपा खेमे में खलबली मची हुई है.

कौन हैं डॉक्टर महेंद्र नागर?

आपको बता दें कि डॉ.महेंद्र नागर समाजवादी पार्टी से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। वह काफी समय तक गौतमबुद्ध नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे थे लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले उन्होंने लखनऊ में समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। उन्होंने लखनऊ में जाकर अखिलेश यादव का हाथ पकड़ा था।

डॉक्टर महेंद्र नागर का विवादों से पुराना नाता

जानकारी के अनुसार डॉक्टर महेंद्र नागर का विवादों से पुराना नाता है। जब वह कांग्रेस में थे तो वह लंबे समय तक विवादों में भी रहे थे। हालांकि, उसके बावजूद भी कांग्रेस ने उनको जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी। महेंद्र नागर काफी पुराने नेता हैं। बताया जाता है कि गुर्जर समाज में उनकी अच्छी पकड़ है। कांग्रेस में उनके खिलाफ काफी गलत गतिविधियों होने लगी थी, जिसकी वजह से उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा था।

क्या इस बार गौतमबुद्धनगर सीट से जीतेगी सपा ?

अगर बात करें दोनों प्रत्याशियों की तो भाजपा ने चौथी बार अपने मौजूदा सांसद डॉ. महेश शर्मा पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। डॉ. महेश शर्मा साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। यदि इस बार भी वह गौतमबुद्धनगर सीट से जीतते हैं तो उनकी हैट्रिक होगी। दिल्ली से सटी यह सीट बसपा सुप्रीमो मायावती का गृहनगर भी है। कुछ वर्षों पहले तक इस सीट पर बसपा का दबदबा था लेकिन धीरे-धीरे उसका दबदबा जाता रहा। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट 2009 में बनी थी। गठबंधन के तहत गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट सपा के खाते में थी। इस सीट पर सपा पहली बार कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में है। इस सीट से अभी तक एक बार भी सपा और कांग्रेस अपनी जीत दर्ज नहीं करा सकी है।

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