चुनावों की सुगबुगाहट शुरू होते ही पार्टियों में भी एक अलग ही जोश देखने को मिलता है। ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भी है। यूपी की 80 लोकसभा सीटों के घमासान पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इन सब के बीच इस समय रायबरेली और अमेठी हॉट सीटें हैं, जहां मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है। जहां पर गांधी परिवार की साख दांव पर लगी हुई है। यही वजह है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने इस क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर संभव रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली क्षेत्र मे 12 दिनों तक रहेंगी। वह कार्यकर्ताओं के साथ रोजाना रणनीतिक बैठक करेंगी और सोशल मीडिया के जरिए विपक्षी पार्टी को घेरेंगी और तीखा प्रचार करेंगी। अमेठी से उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा के अनुभव का रायबरेली में भी इस्तेमाल किया जाएगा.

चुनाव में भावनात्मक अपील की कोशिश


अमेठी में अशोक गहलोत और रायबरेली में भूपेश बघेल के अनुभव का इस्तेमाल किया जाएगा। गांधी परिवार ने इन इलाकों का मोतीलाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, राजीव गांधी के जुड़ाव वाले वाकयों का इस्तेमाल करके चुनाव में भावनात्मक अपील करने की कोशिश की है। अमेठी से उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा के अनुभव का रायबरेली में भी इस्तेमाल किया जाएगा। कांग्रेस ने आजादी आंदोलन, संविधान बचाओ के नारों के जरिए क्रांति की धरती पर सत्य की लड़ाई थीम रखी है। इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर जोर देने की कोशिश है।

राहुल को जिताने के लिए बिछाई बिसात


प्रियंका गांधी ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार व उनके भाई राहुल गांधी को केरल की वायनाड सीट से ज्यादा मतों के अंतर से जिताया जाए. इसके पीछे की रणनीति ये है कि अगर राहुल गांधी रायबरेली में ज्यादा मतों से जीतते हैं तो वायनाड छोड़ने के लिए तर्क रहेगा. पिछले चुनाव में वायनाड से राहुल गांधी 4 लाख 30 हजार वोटों से जीते थे. इस बार रायबरेली से राहुल के सामने बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह हैं.

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