गौतम बुद्ध नगर में भारतीय किसान यूनियन मंच ने एक ज्ञापन डीएम मनीष कुमार वर्मा को सेक्टर 27 के कैंप कार्यालय पर सौंपा। इस दौरान किसानों ने डीएम से तत्काल प्रभाव से किसानों के साथ हो रही क्षेत्रीय बर्बरता को रोकने की अपील की। साथ ही किसानों ने कहा कि क्षेत्र में सभी किसान संगठनों को एकता व एक फ्रंट पर ही काम करने की जरूरत है।
प्रशासन ने किसानों को दिया मीटिंग का आश्वासन
इसके साथ ही कमिश्नर और डीएम ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई समिति के सभी सदस्यों से और मुख्यमंत्री से भी मीटिंग के लिए आश्वस्त किया है। भारतीय किसान यूनियन मंच ने कहा कि केवल मीटिंग की सिफारिश के लिए कमेटी काम नहीं करेगी। वह 10 प्रतिशत के प्लॉट सभी को समान रूप से दिए जाने के संबंध में भी रिव्यू करेगी और किसान संगठनों से वार्ता करके उनके सबूत और समझौते को उस कमेटी का हिस्सा बनाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ये भी आश्वस्त किया गया कि यह कमेटी दोनों बिंदुओं पर विचार करेगी। इस कमेटी में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने के लिए मांग रखी गई। साथ ही साथ ये भी बताया गया कि नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड से पास होकर 10 प्रतिशत प्लॉट का आवेदन शासन स्तर पर आज भी लंबित है। उसे अवलोकन करके मुख्यमंत्री की टेबल पर ले जाकर सभी को समानता से 10 प्रतिशत दिए जाने की भी तैयारी की जाए।
संस्थाओं की नीयत किसानों के प्रति आज भी सही नहीं- किसान
नई भूमि अधिग्रहण बिल को गौतमबुद्ध नगर में तत्काल लागू कर दिया जाए। रोजाना नए-नए विकास प्राधिकरण खोलने की प्रथा को अब खत्म किया जाए। सर्किल रेट तत्काल प्रभाव से 20 गुना बढ़ाए जाए और हर वर्ष उनमें संशोधन किया जाए। जिससे किसानों को मुआवजे के समय उचित दर मिल सके। भारतीय किसान यूनियन मंच ने डीएम से क्षेत्र में स्थिरता के माहौल को बनाए रखने की अपील भी की और किसानों पर हो रही गलत कार्रवाई के विषय में मुख्यमंत्री महोदय को अवगत कराने के लिए भी कहा और बताया कि संस्थाओं की नीयत किसानों के प्रति आज भी सही नहीं है।
किसानों ने की सीएम योगी से अपील
भारतीय किसान यूनियन मंच इस कमेटी की सिफारिश और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य को इस क्षेत्र के सभी लाभों को दिए जाने के लिए आश्वस्त है और मुख्यमंत्री महोदय से अपील करता है कि वह स्वयं इसकी मॉनिटरिंग करें और दस्तावेज देखें जिससे उन्हें सच्चाई का पता चल सके और गौतम बुद्ध नगर का किसान भी विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सके। समझौते और दस्तावेज के आधार पर हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री किसानों की समस्या पर जरूर निर्णय लेंगे। केवल शासन स्तर के मामले ही नहीं रोजमर्रा के मुद्दे या पॉलिसी मैटर पर भी शिथिलता बरती जा रही और काम नहीं हो रहे है। डीएम ने धरने के दौरान मीटिंग में उठे सभी मुद्दों पर तत्परता से काम करने के लिए आश्वस्त किया और अबकी बार स्वयं के स्तर पर संज्ञान लेने की बात भी की।
किसानों ने महिलाओं के साथ हो रही कार्रवाई पर दी चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन मंच साथ ही साथ यह चेतावनी भी जारी करता है कि संयुक्त किसान मोर्चे और महिलाओं के साथ हो रही कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और सरकार से संवाद करके इस समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाए। सरकार और मुख्यमंत्री जी पर कमेटी के विश्वास के साथ-साथ भारतीय किसान यूनियन मंच अपनी क्षेत्रीय किसान बिरादरी के साथ आज भी डटकर खड़ा है और अगर कोई स्थाई समाधान दिखाई नहीं देता है तो इस आंदोलन में कूदने के लिए भी बाध्य है।