दिल्ली शराब घोटाले का मामला आम आदमी पार्टी के गले की फांस बनता जा रहा है। मामले में आप सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही जेल में हैं। ऐसे में अब सीएम केजरीवाल पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकती दिखाई दे रही है। दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका खारिज होने के बाद देर शाम उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। साथ ही सीएम केजरीवाल के आवास पर देर शाम ईडी की टीम सर्च वारंट लेकर पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक टीम ने उनके बंगले की तलाशी भी ली है।

कैसे फंसे सीएम अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 2 नवंबर 2023 को पहला समन भेजा था। ये समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था। वहीं ईडी की ओर से जारी की गई चार्जशीट में आरोप है ‘कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021-2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल आरोपियों के संपर्क में थे।’ साथ ही ईडी का दावा है कि इस मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुची बाबू ने बयान दिया है ‘कि के. कविता, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच पहले ही संबंध में बात हो चुकी थी। यही नहीं इसे लेकर कविता ने मार्च 2021 में विजय नायर से मुलाकात भी की थी।’ वहीं इस मामले में गिरफ्तार दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया था ‘कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी और वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई मीटिंग भी हुई थी। इसके बाद ही सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब करोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था।’

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इस नीति के तहत राजधानी को 32 जोन में बांटा गया और हर जोन में 27 दुकानें खोलने की बात कही गई। जिससे पूरी दिल्ली में 849 शराब की दुकानें खोली जानी थीं। इस नीति के तरह सभी सरकारी ठेकों को बंद कर सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। जबकि इससे पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। दिल्ली सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया कि इससे 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा। यही नहीं सरकार ने शराब की दुकान के लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। इसके तहत जिस एल-1 लाइसेंस को हासिल करने के लिए पहले 25 लाख रुपए देने होते थे। नई नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को 5 करोड़ रुपए चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी के लाइसेंस की फीस भी बढ़ा दी गई।

नई शराब नीति से सरकार को हुआ भारी नुकसान
सरकार की नई शराब नीति आने के बाद 750 एमएल की बोतल का दाम 530 रुपए से बढ़कर 560 रुपए हो गया। इससे रिटेल करोबी का मुनाफा 33.35 से बढ़कर सीधे 363.27 रुपए पहुंच गया यानि रिटेल कारोबारियों को सीधे 10 गुना का फायदा होने लगा। वहीं सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपए का फायदा घटकर 3.78 पैसे रह गया। जिसमें 1.88 रुपए उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपए वैट शामिल है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version