ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई है। बुधवार को झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन से हुई एक युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूट गई। जिसके बाद गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग टीम ने कस्बा में छापेमारी की। जिससे डॉक्टर व मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया और वह अपने प्रतिष्ठान बंद कर फरार हो गए। हालांकि विभागीय टीम द्वारा आरोपी डॉक्टर के क्लीनिक को सील कर दिया गया है और मामले की जांच कर विभागीय करवाई का दावा किया जा रहा है।

आरोपी डॉक्टर का क्लीनिक हुआ सील
क्लीनिक में हुई संदिग्ध मौत के मामले में आरोपित रबूपुरा के डॉ. अतीक के क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। जहां विभाग की टीम को क्लीनिक पर बाहर से ताला बंद मिला। जिसके बाद टीम ने क्लीनिक को अग्रिम कारवाई तक सील कर दिया गया है और आस पास के समस्त क्लीनिक को नोटिस देकर पंजीकरण कराने हेतु आदेशित किया गया है। पंजीकरण न होने की दशा में तत्काल प्रभाव से क्लीनिक बंद करने हेतु आदेशित किया गया है। क्लीनिक मालिक को भी अपंजीकृत क्लीनिक खाली कराने हेतु आदेश दिया गया है। साथ ही भविष्य में पुनः संचालित की सूचना मिलने पर विधिक कारवाई की जाएगी।

क्या था पूरा मामला
दरअसल बुधवार को कस्बा के मोहल्ला आजाद नगर निवासी युवक रिजवान पुत्र रफीक की शादी होने वाली थी जिसकी बारात बुलन्दशहर जा रही थी। चेहरे पर एक फुंसी होने के कारण रिजवान कस्बा में क्लीनिक चला रहे एक झोलाछाप डॉक्टर से दवा लेने चला गया। बताया जाता है कि डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगा दिया। जिसके बाद रिजवान की हालत बिगड़ गई। आनन फानन में उसे बुलंदशहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे नोएडा रेफर कर दिया गया और रास्ते मे रिजवान (24) की मौत हो गई थी।

पहले भी हो चुकी हैं मौत की घटनाएं
झोलाछाप की दवा से युवक की मौत होने का यह कोई पहला मामला नहीं है। कस्बा में निजी चिकित्सकों की लापरवाही के कारण पहले भी कई लोगों की जान जा चुकी है और जमकर हंगामा हुआ है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कारवाई सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाती है। सूत्रों की मानें तो कस्बा में कई झोलाछाप डॉक्टर तो ऐसे हैं कि जिनके पास डिग्री तो क्या पर्याप्त शिक्षा भी नहीं है और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते ये खुलेआम लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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