उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी और हाईटेक शहर नोएडा में पिछले कई सालों से दीपावली आते-आते हवा जहरीली हो जाती है. वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में मुश्किल हो जाती है. इसके बावजूद नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इस समय जब वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ग्रैप सिस्टम लागू किया गया है. इसके बावजूद खुले में निर्माणाधीन मकानों से निकला मलबा डाला जा रहा है. जिसकी वजह से प्रदूषण और बढ़ सकता है. ऐसे में नोएडा प्राधिकरण व प्रदूषण विभाग के सभी दावे फेल नजर आ रहे हैं.
ऐसे किया जा रहा नियमों का उल्लंघन
बता दें कि सिटी सेंटर के पास खुले में निर्माणाधीन मकानों का मलबा डाला जा रहा है. जबकि कुछ ही दूरी पर जिला अस्पताल व मोरना बस अड्डा और सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन है. खुले मलबे के पास से रोजाना हजारों की तादाद में लोग निकलते हैं. खुले में डाले गए मलबों से साफ पता चलता है कि नियमों का खुलेआम उलंघन हो रहा है.
खुले में मलबा डालने वाले पर होगी कार्रवाई
अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है है कि आखिर किसकी शह पर निर्माणाधीन मकानों का मलबा डाला जा रहा है. प्रदूषण विभाग के अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा कि मौके पर जाकर जांच की जा रही है. जिसने भी खुले में मलबा डाला है उस पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाएगा.