Delhi: राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं, जलसंकट पर सियासत भी तेज हो गई है। जहां भाजपा के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी अनशन पर बैठ गई हैं। इसी बीच केंद्रीय जल आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अन्य राज्यों में जल संकट की संभावना है।

दिल्ली में 28 लाख लोग जल संकट से प्रभावित
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को दावा किया कि एक मिलियन गैलन (एमजीडी) पानी से 28,500 लोगों को पानी मिलता है। जब हरियाणा सरकार 100 एमजीडी पानी नहीं देती है तो दिल्ली के 28 लाख से ज्यादा लोगों का पानी रुक जाता है। इसकी वजह से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची है। लोग घंटों तक पानी का इंतजार कर रहे है। बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। आतिशी ने हिमाचल प्रदेश की सरकार से कहा कि यदि उनके पास अतिरिक्त पानी है तो वो दिल्ली को दे दें। हिमाचल प्रदेश सरकार पानी देने को तैयार भी हो गई थी। लेकिन हिमाचल प्रदेश का पानी भी हरियाणा से होकर आना था और हरियाणा सरकार ने उसके लिए भी मना कर दिया।


अनिश्चितकालीन धरने पर बैठीं आतिशी
वहीं, आतिशी पानी की जंग के लिए अन्न त्याग कर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गई हैं। उन्होंने कहा कि वह अनशन में केवल पानी ही पिएंगी। उन्होंने कहा कि वह जब तक दिल्ली को अतिरिक्त पानी नहीं मिलता, तब तक ये अनिश्चितकालीन अनशन चलता रहेगा। वहीं आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जल संकट के पीछे भाजपा जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में लोग उनका साथ दें।

देश के जलाशयों में बचा सिर्फ 21 फीसदी पानी
केंद्रीय जल आयोग की हालिया रिपोर्ट में कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जो सभी की चिंताएं बढ़ा सकते हैं। जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश के 150 मुख्य जलाशयों में पानी घटकर महज 21 प्रतिशत रह गया है। देश में भीषण गर्मी ने जहां लोगों के पसीने छुड़ाए हुए हैं, वहीं पानी के स्त्रोतों को भी सुखा दिया है.केंद्रीय जल आयोग की हालिया रिपोर्ट में कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जो सभी की चिंताएं बढ़ा सकते हैं। जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश के 150 मुख्य जलाशयों में पानी घटकर महज 21 प्रतिशत रह गया है। जलविद्युत परियोजनाओं और जल आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले इन जलाशयों की संयुक्त भंडारण क्षमता 178.784 अरब क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जो देश की कुल जल भंडारण क्षमता का लगभग 69.35 प्रतिशत है।

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