पुराने जमाने में ना तो जिम हुआ करते थे और ना ही खूबसूरत बॉडी बनाने की चाह. ईश्वर ने जैसी काया उन्हें दी है वो उसी में खुश रहते थे. मगर आज की आधुनिक दुनिया में अधिकतर युवा बॉडी बनाने की चाह लिए जिम की राह पकड़ लेते हैं. मॉडलों के जैसी बॉडी बनाने के लिए और तेजी से मसल्स का साइज बढ़ाने के लिए युवा कई तरह के सप्लीमेंट का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, हालांकि कई बार बिना सलाह के सप्लीमेंट लेने से समस्या बढ़ जाती है.

खेल विभाग में जिम में सप्लीमेंट लेने पर लगाई रोक

वहीं इन सप्लीमेंट्स को गलत और अधिक मात्रा लेने से कई लोगों पर इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिले हैं. ऐसी स्थिति से बचाने के लिए खेल विभाग ने अब जिम सेंटर में किसी भी तरह के सप्लीमेंट को लेने की सलाह देने पर रोक लगाई है. वहीं ऐसा करने कर खेल विभाग द्वारा संचालकों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई कर एनओसी रद्द कर दी जाएगी. विभाग के अनुसार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 500 से अधिक जिम सेंटर संचालित हो रहे हैं. जिम संचालित करने के लिए संचालकों को खेल विभाग से एनओसी लेनी होती है.

“जिम में सप्लीमेंट बेचने पर पूरी तरह रोक”
जिला उपक्रीड़ाधिकारी अनीता नागर ने बताया कि कई युवा मसल्स का साइज बढ़ाने के लिए कई तरह के सप्लीमेंट लेते हैं. ये सप्लीमेंट सिर्फ जिम ट्रेनर की सलाह पर लिए जाते हैं, जोकि गलत है. जिले में किसी जिम में सप्लीमेंट बेचने पर पूरी तरह रोक है. सप्लीमेंट बेचने के लिए जिम संचालकों को खाद्य सुरक्षा विभाग ने एनओसी लेनी होगी. आपको बता दें कि नोएडा में जिम में वर्कआउट करने के दौरान मसल्स का साइज बढ़ाने के लिए युवक ने इंजेक्शन का इस्तेमाल किया था. जिससे उसकी मौत हो गई थी. ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए खेल विभाग ने सप्लीमेंट के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाई है.

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