ग्रेटर नोएडा में आईआईटीजीएनल के इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में निवेश के लिए सिंगापुर ने भी रुचि दिखाई है। सोमवार को सिंगापुर के एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का जायजा लिया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और एसीईओ प्रेरणा सिंह ने प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। एनआईसीडीसी के सीईओ रजत कुमार सैनी भी प्रतिनिधिमंडल के भ्रमण के दौरान साथ रहे। श्रीलक्ष्मी वीएस और प्रेरणा सिंह ने सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल को इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप और ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर से अवगत कराया।

सिंगापुर के निवेशकों निवेश कराने की इच्छा जाहिर की
प्रतिनिधिमंडल ने टाउनशिप में सिंगापुर के निवेशकों से औद्योगिक निवेश कराने की इच्छा जाहिर की। सिंगापुर सरकार के व्यापार और उद्योग मंत्रालय के सीनियर डायरेक्टर फ्रांसिस चोंग के नेतृत्व में सात सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में सिंगापुर की दो मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। इसके साथ ही औद्योगिक यूनिट लगाने के लिए प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बताया गया। टाउनशिप में उपलब्ध औद्योगिक भूमि की जानकारी दी गई।

टाउनशिप में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि वे सिंगापुर के निवेशकों को टाउनशिप में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, जिससे टाउनशिप में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत आईआईटीजीएनएल की तरफ से इंटीग्रेटेड टाउनशिप करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई गई है। इस टाउनशिप में उद्यमी तत्काल प्लांट लगाकर काम शुरू कर सकते हैं। इस टाउनशिप में वर्क टू साइकिल, 24 घंटे बिजली, एलईडी लाइट जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। यह टाउनशिप सीसीटीवी से भी लैस होगी। इस टाउनशिप की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।

निवेशकों को हर संभव सहयोग देने की हो रही कोशिश
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक एनजी रवि कुमार ने कहा है कि इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप और ग्रेटर नोएडा, दोनों शहरों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है। निवेशकों को हर संभव सहयोग देने की कोशिश की जा रही है। औद्योगिक निवेश से न सिर्फ इन दोनों शहरों का विकास होगा। बल्कि इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के तमाम अवसर भी उपलब्ध होंगे।

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