नीट-यूजी पेपर लीक मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. सीबीआई मामले में एक्शन मोड में नजर आ रही है. इसी कड़ी में एजेंसी ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें पेपर लीक गैंग का किंगपिन शशिकांत पासवान भी शामिल है. साथ ही इस गैंग से जुड़े दो छात्र भी हत्थे चढ़े हैं. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार हुए छात्र भरतपुर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट हैं. शशिकांत नाम का किंगपिन पहले गिरफ्तार हुए पंकज और राजू का साथी है. ये सभी लोग पेपर सॉल्व करने के लिए हजारीबाग में 5 मई की सुबह मौजूद थे. जो छात्र गिरफ्तार हुए उसमें से एक फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है और दूसरा सेकेंड ईयर का छात्र है. इनकी पहचान कुमार मंगलम और दीपेंद्र शर्मा के रूप में हुई है.

रॉकी ने सीबीआई के सामने उगले कई राज
पेपर लीक कांड में रॉकी अब तक का सबसे बड़ा राजदार साबित हुआ है. रॉकी ने सीबीआई के सामने पेपर सॉल्व करने वाले एमबीबीएस छात्रों का राज उगला जिसके बाद पटना AIIMS के चार मेडिकल स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी हुई. रॉकी के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ करने में सुरेंद्र नाम के एक शख्स ने भी अहम भूमिका निभाई थी. सीबीआई ने सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है और उसे भी चार मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ रिमांड पर लिया है. सुरेंद्र ने ही लीक किया हुआ पेपर सॉल्व करने के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को राजी किया था.

पेपर लीक का मास्टमाइंड संजीव फरार
साल 2010 से कई एग्जाम के पेपर लीक मामले में इसका नाम आता रहा है. संजीव मुखिया पहले बिहार के सबसे बड़े शिक्षा माफिया रंजीत डॉन के साथ काम करता था, फिर उसने खुद अपना गैंग बना लिया. हाल ही में BPSC एग्जाम का पेपर संजीव मुखिया और उसके गैंग ने लीक करवाया था. संजीव मुखिया फरार है और उसकी तरफ से अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई है. संजीव मुखिया पेपर लीक गिरोह को नालंदा से ही ऑपरेट किया करता था. संजीव नालंदा उद्यान महाविद्यालय में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत रहा है.

एम्स पटना से जुड़े हैं पेपर लीक के तार
इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 19 जुलाई को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में झारखंड के रांची से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट को हिरासत में लिया था. 2023 बैच की छात्रा की पहचान राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) की सुरभि कुमारी के रूप में हुई है और वह रामगढ़ जिले की निवासी है. इस छात्रा पर भी 5 मई को हजारीबाग में पेपर सॉल्व करने के लिए मौजूद होने का आरोप है. वहीं सीबीआई ने 18 जुलाई को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के चार एमबीबीएस छात्रों समेत पांच लोगों को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था. एम्स-पटना के छात्रों पर नालंदा के कुख्यात ‘सॉल्वर गैंग’ को लीक हुए पेपर को हल करने में मदद करने का आरोप है. मामले में गिरफ्तार पांचवें शख्स की पहचान सुरेन्द्र कुमार के रूप में हुई, जिसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि एम्स-पटना के छात्रों को 5 मई को आयोजित परीक्षा से पहले लीक हुए पेपर को सॉल्व करने के लिए पटना के एक होटल में ले जाया गया था.

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