एक बार फिर से दिल्ली और नोएडावासियों के लिए 58वें आईएचजीएफ दिल्ली मेला का आयोजन होने जा रहा है। ये आयोजन 16 से 20 अक्टूबर तक होगा। इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट की तरफ से ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे में हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा इसे आयोजित किया जा रहा है। आपको बता दें, मेले के इस संस्करण में 16 बड़े हॉल में 3000+ प्रदर्शकों की बारीकी से व्यवस्थित ले-आउट का दावा किया जा रहा है। जिसमें हाउसवेयर, होम फर्नीशिंग, फर्नीचर, गिफ्ट एवं डेकोर, लैंप एवं लाइटिंग, क्रिसमस एवं फेस्टिव डेकोर, फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज, स्पा एवं वेलनेस प्रॉडक्ट, कारपेट एवं रग्स, बाथरूम एक्सेसरीज, गार्डेन एक्सेसरीज, एजुकेशनल टॉयज और गेम्स, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद और स्टेशनरी, तथा चमड़े के बैग शामिल हैं।

100 से ज्यादा देशों ने कराया रजिस्ट्रेशन

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर.के. वर्मा ने कहा, “आईएचजीएफ दिल्ली मेला सहयोगात्मक उत्कृष्टता के शिखर का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत के विविध हस्तशिल्प मैन्यूफैक्चरिंग केंद्रों, समूहों और कारीगर इकाइयों की सामूहिक ताकत का प्रदर्शन करता है। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इसराइल, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पनामा, पेरू, फिलीपींस, पुर्तगाल, रूस, सऊदी अरब, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य समेत 100 से अधिक देशों के विदेशी खरीदारों ने मेले में आने के लिए पहले ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है।

बीते साल 32,758 करोड़ रुपये का हुआ था निर्य़ात

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और देश के विभिन्न शिल्प समूहों में होम, लाइफ स्टाइल, टेक्सटाइल, फर्नीचर एवं फैशन जूलरी और एक्सेसरीज वस्तुओं के उत्पादन में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड छवि बनाने के लिए एक नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि साल 2023-24 के दौरान भारत से हस्तशिल्प का कुल निर्यात 32,758 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ था।

‘आयोजन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए है प्रतिबद्ध’

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष दिलीप बैद ने इस अवसर पर कहा कि, “दुनिया के सबसे बड़े सोर्सिंग आयोजनों में से एक, आईएचजीएफ दिल्ली मेला आयातकों, खरीदारों और खुदरा विक्रेताओं को भारत के बेहतरीन हस्तशिल्प को प्राप्त करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इसकी अंतरराष्ट्रीय पहुंच, उद्यमियों, निर्यातकों और कारीगरों को जोड़ने की क्षमता के साथ मिलकर, भारतीय उत्पादों की विशिष्टता, गुणवत्ता, डिजाइन और मार्केटिंग क्षमता विदेशी खरीदारों में इनके प्रति विश्वास बढ़ाती है। यह कार्यक्रम भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र की भविष्य की तैयारी की दिशा में चल रही यात्रा पर प्रकाश डालता है, जो गतिशील और महत्वाकांक्षी निर्माताओं द्वारा संचालित है। जो क्षमताओं को बढ़ाने, वैश्विक मानकों का पालन करने और स्थिरता को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

‘दिल्ली मेला एक गतिशील मंच के रूप में विकसित हुआ’

ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में चीफ मेंटर और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा, “भारतीय उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग यह सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है कि भारतीय शिल्प कौशल दुनिया भर के घरों में अपनी जगह बना सके। होम डेकोर, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्निशिंग और फर्नीचर के क्षेत्र में, आईएचजीएफ दिल्ली मेला एक गतिशील मंच के रूप में विकसित हुआ है, जो नए उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से परिचित कराता है, जबकि खरीदारों को उभरते आपूर्तिकर्ताओं से नए उत्पादों और विचारों की खोज करने की सुविधा देता है।”

‘सांस्कृतिक डिजाइनों को सराहने का मिलेगा अवसर’

ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में चीफ मेंटर और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने आगे बताया कि, “आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2024 में बिहार के पारंपरिक और समकालीन हस्तशिल्प की समृद्ध विविधता भी प्रदर्शित की जाएगी, जैसे सुजनी शिल्प, एप्लिक शिल्प, मधुबनी पेंटिंग, सिक्की घास शिल्प और अन्य कारीगरी कार्य, जो राज्य के जीवंत कारीगर समुदाय की दक्षता को उजागर करेंगे। आगंतुकों को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करने वाले जटिल डिजाइनों को देखने और सराहने का अवसर मिलेगा।”

‘राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त विशिष्ट कारीगर दिखाएंगे शिल्प कौशल’

आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2024, स्वागत समिति के अध्यक्ष गिरीश कुमार अग्रवाल ने बताया, “प्रदर्शकों में जाने माने और पुरस्कृत शिल्पकारों ने एक थीम पर आधारित व्यवस्था की है, जो विरासत कौशल और क्षेत्रीय बारीकियों की समृद्धि को प्रमुखता से प्रदर्शित करेंगे। राष्ट्रीय सम्मान से नवाजे गए विशिष्ट कारीगर अपनी असाधारण शिल्प कौशल का प्रदर्शन करेंगे।”

‘लगातार दुनिया भर से खरीदारों को कर रहा आकर्षित’

ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने बताया, “सबसे जीवंत और विविध व्यापार प्लेटफार्मों में से एक, आईएचजीएफ दिल्ली मेला खरीदारों को विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय हस्तशिल्प की व्यापक रेंज का पता लगाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। आईएचजीएफ दिल्ली मेला भारतीय निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन और संवंर्धन बन चुका है, जो लगातार दुनिया भर से खरीदारों को आकर्षित कर रहा है।”

‘नएपन और चक्रीय अर्थव्यवस्था सिद्धांत पर है फोकस’

ईपीसीएच के उपाध्यक्ष II सागर मेहता ने कहा, “राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) और ईपीसीएच के सहयोग से उत्पादों के एक डिस्प्ले में सस्टेनेबल डिजाइन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रकट किया जाएगा। यह पहल सामग्री (या माल) में नयापन, सामुदायिक सह-उत्पादन और चक्रीय अर्थव्यवस्था सिद्धांत पर फोकस करते हुए भारतीय हस्तशिल्प को आधुनिक सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों के साथ जोड़ती है। इसके अलावा, खरीदारों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए मेले में रैंप शो, ट्रेंड को लेकर पूर्वानुमान, शिल्प का प्रदर्शन और नॉलेज सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, जिससे भारत की असाधारण शिल्पकला की गहरी समझ विकसित होगी।”

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