Lucknow/Noida: पूरे देश में साइबर ठगों का जाल फैला हुआ है। हर ग़रीब और अमीर के खातों तक ये साइबर ठग पहुँच चुके हैं। ठग के शिकार अब बिजनेसमैन, अधिकारियों या फिर आम लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये अधिकारी अब मंत्रियों और राजनेताओं तक पहुंच चुके हैं। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि प्रदेश का सबसे अमीर विभाग यानी औद्योगिक प्राधिकरण के मौजूदा मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के बेटे के नाम पर ठगी हो गई है। औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल नंदी का सारा कारोबार उनके बेटे देखते हैं।

घोटाले के बारे में कैसे मिली जानकारी

मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का बेटा फिलहाल विदेश में है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उनके एकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव के पास एक कॉल/मैसेज आता है। उस व्हाट्सएप कॉल पर मंत्री जी के बेटे का डीपी लगा था। उधर से सिर्फ इतना बोला गया गया कि मैं बिज़नेस मीटिंग में हूँ, ये मेरा नया नंबर है, इसमें कुछ फंड ट्रांसफर कर दो। चूँकि मंत्री जी का पूरा बिजनेस उनका बेटा देखता है। फिर भी एक बार एकाउंटेंट रितेश ने मंत्री जी को कॉल और फण्ड ट्रांसफर करने की सूचना दी। सूत्रों की माने तो मंत्री जी ने अपने अकाउंटेंट को सहमति दे दी। पहले ट्रांजेक्शन के बाद दोबारा कॉल आती है और अकाउंटेंट दोबारा पैसे ट्रांसफर कर देता है। ऐसे लगभग 2.08 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिया गया। सबसे लास्ट में 71 लाख का ट्रांजेक्शन किया गया। हैवी अमाउंट होने की वजह से रितेश को शक हुआ, तब जाकर ठगी का पता चला।

अब शुरू हुई कार्रवाई

मंत्री जी के साथ ठगी होने पर शासन स्तर पर खलबली मच गई। प्रदेश की साइबर सेल को सूचना दी गई, साथ ही इस मामले में STF को जाँच दी गई। STF और साइबर सेल ने लास्ट में हुए साइबर फ़्रॉड 71 लाख रुपए फ्रीज करा दिए, जो कि ठगो के खातों में ट्रांसफर किए गए थे। एक सर्वे से पता चला है की पूरे देश में प्रतिदिन 7 हज़ार केस साइबर क्राइम के आते हैं। 2023-2024 का डाटा बताता है कि इतने समय में 7 लाख 40 हजार 957 FIR दर्ज हो चुकी हैं, इन एक सालों में। फिलहाल लखनऊ साइबर सेल और यूपी STF इस पूरे मामले की जाँच कर रही है। जिन तीन से चार खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया है, उसकी जाँच की जा रही है। सूत्रों की माने तो सारे ठग जल्द ही पुलिस की गिरफ़्त में होंगे।

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