हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली आज (12 नवंबर) को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। वर्ष की सभी अमावस्या में कार्तिक अमावस्या की तिथि श्रेष्ठतम मानी गई है। क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी की पूजा-आराधना करके अपने इष्ट कार्य को तो सिद्ध किया ही जा सकता है। इसी दिन भगवान राम असुरों का संहार करके अयोध्या लौटे थे, जिनका दीपोत्सव करके स्वागत किया गया था। मान्यता है कि दीपावली पर मां लक्ष्मी के पूजन-अर्चना से धन-धान्य की पूरे साल कमी नहीं होती है।
उत्तर प्रदेश में पूजन का शुभ मुहूर्त
नोएडा में 5 बजकर 40 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक। लखनऊ में 05 बजकर 29से 7 बजकर 26 मिनट तक। मेरठ में 5 बजकर 34 मिनट से 07 बजकर 34 मिनट तक, कानपुर में 5 बजकर 32 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक, बनारस में 5 बजकर 23 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक, प्रयागराज में 5 बजकर 28 मिनट से 07 बजकर 25 मिनट तक, मथुरा में 5 बजकर 23 मिनट से 07 बजकर 19 मिनट तक और वृंदावन में 5 बजकर 23 मिनट – 07 बजकर 19 मिनट तक लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त है।
दिवाली पर ऐसे करें पूजन
1-ज्योतिषाचार्यों के अनुसार प्रदोष वेला से लेकर पिशाच वेला के आरंभ से पहले तक ही महालक्ष्मी पूजा का विधान है। यह पिशाच वेला रात्रि 02 बजे से आरंभ होती है। पहले पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इस पर साबुत अक्षत की एक परत बिछा दें। इसके बाद श्री लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें और पूजन सामग्री लेकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
2- जल कलश व अन्य पूजन सामग्री जैसे-खील पताशा, सिन्दूर,गंगाजल,अक्षत-रोली,मोली,फल-मिठाई,पान-सुपारी,इलाइची आदि उत्तर और उत्तर-पूर्व में ही रखें तो शुभ फलों में वृद्धि होगी।
3- गणेशजी के पूजन में दूर्वा, गेंदा और गुलाब के फूलों का प्रयोग शुभ माना गया है। पूजा स्थल के दक्षिण-पूर्व की तरफ घी का दीप जलाते हुए ‘ॐ दीपोज्योतिः परब्रह्म दीपोज्योतिः जनार्दनः ! दीपो हरतु में पापं पूजा दीपं नमोस्तुते ! मंत्र बोलें। ध्यान रहे खुश होकर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
4- देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के लिए भोग में खीर, बूंदी के लड्डू,सूखे मेवे या फिर मावे से बनी हुई मिठाई रखें एवं आरती करें।
5-पूजन के बाद मुख्य दीपक को रात्रि भर जलने दें ।लक्ष्मी जी के मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः । का यथाशक्ति जप करें।
6-पूजन कक्ष के द्वार पर सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं।
7-दीपावली पूजन में श्रीयंत्र की पूजा सुख-समृद्धि को आमंत्रित करती है। विद्यार्थी इस दिन माता महासरस्वती का मंत्र “या देवि ! सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै नमोनमः !! का जप करके शिक्षा प्रतियोगिता में बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।