देवू मोटर्स की जमीन खरीद-फरोख्त का मामला अब पब्लिक डोमेन में है। देवू मोटर्स की जमीन खरीदने के बाद सुर्खियों में आए आशीष गुप्ता एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। अरबों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में आशीष गुप्ता और उनके भाई आदित्य गुप्ता पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सूत्रों की माने तो दोनों भाइयों को ईडी किसी भी वक्त गिरफ्तार कर सकती है। एक बड़े कारनामे के चलते शारदा एक्सपोर्ट के मालिक आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के ठिकानों पर ईडी की टीम छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। मंगलवार देर रात निवेशकों की शिकायत पर ईडी की दिल्ली शाखा ने है आशीष गुप्ता और आदित्य गुप्ता के चार शहरों में स्थित 11 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा और वहां से कई जरूरी दस्तावेज बरामद किए हैं। दोनों के ठिकानों से कई संदिग्ध दस्तावेज जैसे बैंक खातों से जुड़ी जानकारी, कंप्यूटर की हार्डडिस्क, मोबाइल आदि को कब्जे में लिया गया है।

जानें क्या है नया मामला
जानकारी के मुताबिक नोएडा में हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के लोटस-300 प्रोजेक्ट में 350 फ्लैट बनाने के लिए निवेशकों से 636 करोड़ रुपये जुटाए थे। आरोप है कंपनी ने लोगों को फ्लैट देने के बजाए प्रोजेक्ट की सात एकड़ भूमि दूसरे बिल्डर को बेंच दी। इस कंपनी ने मिलकर निवेशकों के 636 करोड़ रुपये दूसरे प्रोजेक्ट में लगा दिए, सूत्रों की माने तो आशीष गुप्ता और आदित्य गुप्ता ने लोटस प्रोजेक्ट से जो कमाई की, उसका पैसा देवू मोटर्स में लगा दिया।

देवू मोटर्स की ऐसे हुई खरीद-फरोख्त
सूत्रों की माने तो आशीष गुप्ता ने लोटस प्रोजेक्ट की कमाई को देवू मोटर्स में लगाया है। देवू मोटर्स की 204 एकड़ जमीन को 359 करोड़ रुपये में खरीदा गया था। देवू मोटर्स में दूसरे संस्थानों के नाम भी सामने आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आशीष गुप्ता के साथ नोएडा के एक निजी अस्पताल का पैसा भी देवू मोटर्स की जमीन में लगा है। निजी अस्पताल का आईपीओ भी कुछ ही महीने पहले आया है। निजी अस्पताल के साथ मिलकर आशीष गुप्ता देवू मोटर्स में कुछ बड़ा खेल कर पाते, उससे पहले ही ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। अब आशीष गुप्ता के एक से बढ़कर एक कारनामें सामने आ रहे हैं।

देवू मोटर्स जमीन खरीद मामले में ऐसे हुआ खेल
आशीष गुप्ता की कंपनी शाकुंतलम लैंडक्रॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने प्लानिंग के साथ देवू मोटर्स की जमीन यूपीसीडा के अफसरों से मिलकर ली थी। इस जमीन को बेचने के लिए पॉलिसी में परिवर्तन करवाकर शाकुंतलम कंपनी ने बड़ा खेल करवाया था। इस गड़बड़झाले में यूपीसीडा के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। लेकिन कहा जाता है ना कि कोई कितना भी शातिर क्यों ना हो वो कुछ ना कुछ लूपहोल जरूर छोड़ जाता है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। यूपीसीडा के अधिकारी पॉलिसी बनाते, उससे पहले ही शाकुंतलम कंपनी ने अखबारों में विज्ञापन दे देकर उसी अधूरी पॉलिसी पर लैंड बेंचने का दावा ठोक दिया।

क्या घर खरीददारों को भी ऐसे ही दिए लालच
लोटस-300 प्रोजेक्ट में कुल 330 फ्लैट बनाए जाने थे। इसी के एवज में घर खरीददारों से 636 करोड़ रुपये कंपनी ने जुटाए थे। इस कंपनी ने लोगों को घर देने के बजाए उनके अरबों रुपये का गबन कर लिया और प्रोजेक्ट के सात एकड़ जमीन भी बेंच दिए। कुछ ऐसे ही लुभावने वादे शाकुंतलम डील में भी किये गये थे। लोटस-300 में अरबों रुपये के घोटाले के मामले में EOW इसकी जांच कर रही थी, अब ईडी ने बड़ी छापेमार कार्रवाई कर आशीष गुप्ता के घपलों की पूरी तरह से पोल खोल दी है। ईडी के सोर्स बताते हैं कि बहुत जल्द इन पर मुकदमा भी दर्ज करवाया जाएगा।

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