Greater Noida: यमुना प्राधिकरण में मेडिकल बिल के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्राधिकरण में इस तरह का फर्जीवाड़ा उस वक्त सामने आया, जब नायब तहसीलदार मनीष कुमार के नाम पर मेडिकल बिल पेश किया गया। इसकी शिकायत सीईओ अरुणवीर सिंह से की गई तो उन्होंने एसीईओ को इसके जांच के निर्देश दिए।

ऐसे हुआ खुलासा

मेडिकल बिल को लेकर जब सीईओ अरुणवीर सिंह ने नायब तहसीलदार मनीष कुमार से पूछा तो उन्होंने इस तरह के किसी भी बिल से इनकार कर दिया। जिसके बाद सीईओ अरुणवीर सिंह ने इसके जांच के आदेश एसीईओ को दिए। जांच में ये बात सामने आई कि प्राधिकरण में तैनात एडमिन एक्जीक्यूटिव मनीष कुमार की आईडी मेडिकल बिल में लगी है। हालांकि जिस मनीष कुमार की आईडी मेडिकल बिल में लगी है, उसके बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है कि ये एजेंसी के माध्यम से प्राधिकरण में तैनात है या फिर फर्जी नाम है।

ये लापरवाही भी आई सामने

जांच में ये बात भी सामने आई कि अस्पताल द्वारा दिए जा रहे बिल का कार्मिक विभाग जांच नहीं कर रहा है। जिसे लेकर सीईओ अरुणवीर सिंह ने नाराजगी जताई। साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि कार्मिक विभाग की लापरवाही के चलते ऐसे बिल पास किये गये होंगे। सीईओ अरुणवीर सिंह ने पिछले 10 साल में पास हुए मेडिकल बिल के जांच के निर्देश दिए हैं। जांच सामने आने के बाद संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी सीईओ ने कही।

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