13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. जिसको लेकर प्रशासन और यूपी सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. वहीं इस बीच घर वापसी को लेकर भी एक महाअभियान चलाया जाएगा. जिसको लेकर रविंद्रपुरी ने कई बड़ी बातें नाऊ नोएडा से कहीं है-

सभी श्रद्धालु इस पुण्य के भागीदार बनें- रविंद्रपुरी जी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी जी ने कहा कि यहां गंगा यमुना सरस्वती का संगम है और यहां साक्षात जो हमारे भगवान ब्रह्मा जी है. उनकी तपो भूमि है और आपने यह भी देखा होगा जैसे यहां एक 6 साल में कुंभ नहीं आता है या 12 साल में पूर्ण कुंभ नहीं आता, यहां हर साल कुंभ होता है. अब आप पूछेंगे हर साल कुंभ कैसे होता है. हमने सुना नहीं जो हमारा माघ मेला है. वो कोई कुंभ से कम नहीं है. हमारा जो कुंभ हरिद्वार में होता है. उज्जैन में है, नासिक में है और मैं समझता हूं कि उनके बराबर यहां माघ मेला हर साल लगाया जाता है. जिसमें लाखों नहीं करोड़ों- करोड़ों की संख्या में यूपी, एमपी, बिहार, हरियाणा और पंजाब के लोग यहां एक महीने का कलप वास करने आते हैं. हम 6 साल में एक बार इस मेला क्षेत्र में कलप वास करने आ रहे हैं. तो कहने का तात्पर्य हमारा है कि जितने भी हमारे श्रद्धालु हैं. हम सभी को आह्वान करते हैं और पुण्य के भागी बने और ज्ञात अज्ञात में जो हमसे पाप हुए हैं उसका प्रश्चित होगा और ऐसा अवसर मैं समझता हूं जल्दी नहीं आने वाला है. क्योंकि यह जो योग है 150 साल के बाद ऐसा योग हमें मिला हुआ है. मैं सभी को कहूंगा. आइए कुंभ कीजिए स्नान कीजिए और पुण्य के भागी बने.

“घर वापसी कराया नहीं जाता, हो जाता है”
अध्यक्ष रविंद्रपुरी जी का कहना है कि अभियान नहीं चलाया जाता है. घर वापसी कराया नहीं जाता है, हो जाता है. जब हम घर छोड़ के भाग जाते हैं. फिर मन में जब हमें चाचा चाची बाप भाई याद आते हैं. तो मन में इच्छा होती है कि वापस चले जाए. जब हमारे बड़े-बड़े मेले आते हैं. कुंभ का मेला आता है. उस समय जितने भी हमारे गैर हिंदू है. उनके मन में यह होता है कि अरेभाई हम तो जाति से मलिक है. मलिक कौन है, हिंदू है, चौहान है. चौहान कौन थे. भाई अरे चौहान तो हिंदू में होते हैं. हिंदू के चौहान हमें आज हम गैर हिंदू बने हुए हैं. उनको अपनी परंपरा याद आती है. उनकी आंखों में आंसू आते हैं. अरे हम तो राम को मानने वाले हैं, हम तो कृष्ण को मानने वाले हैं, हम तो शंकर को मानने वाले हैं और हमारे यहां महाकुंभ हो रहा है. इतने बड़े-बड़े पर्व हो रहे हैं. तो बाकी जो समाज है. जो बाकी पंथ है. वहां तो कुछ नहीं हो रहा है. वहां तो कहते हैं मारो और काटो तो ऐसा हो जाता है. अभी मैं आपको कहना चाहूंगा. जब हम प्रयागराज की भूमि में बैठे हैं. यहां कहीं युवा संत मेरे संपर्क में हैं. जो कहते हैं बाबा जी हम बाबा बनाओ, मैंने कहा बेटा बाबा बनना इतना आसान नहीं है. वो देख रहे बाबा बड़े घूम रहे हैं. बड़े-बड़े टीके लगाए हुए हैं, चंदन लगाए हुए हैं. अच्छे-अच्छे कपड़े पहने हैं. मेला हो रहा है, भंडारे हो रहे है. तो बाबा बनाओ वो क्या होता है. क्षणिक वैराग्य और जो क्षणिक वैराग्य होता है व एक दो महीने का ही होता है. अगर अभी किसी के घर वापसी हमने की वो समझो एक दो महीने बाद ही वापस चला जाएगा. कैसे कराएंगे घर वापसी यहीं से प्रयाग नगरी से ही करवाएंगे या यहां से जाने के बाद घर वापसी होगी. देखिए ये हम नहीं कराएंगे. ये उनके ऊपर है. उनकी उन्होंने ये उनकी पीड़ा है. मन में बोले के देखो हम हिंदू थे, हम हिंदू से मुसलमान बने. हमारे जो पूर्वज थे वो मुसलमान बन गए. हम वापस परंपरा में जाना चाहते हैं. हमने कहा भाई आपकी इच्छा है. अगर आप हमारे पास आते हैं और जो हम यहां संस्कार है. जो विधि विधान से उससे आपको लिया जाएगा लेकिन ये आपकी इच्छा पर निर्भर करता है. आपकी इच्छा है तो बाकी हम जबरदस्ती किसी को नहीं कर सकते. आपकी इच्छा आप आइए आपका स्वागत है. आपका घर है और आप हमसे भी पुराने है. आपकी परंपरा भी पुरानी है. इसलिए हम चाहते हैं कि अगर वो लोग आते हैं. तो ऐसे कोई बात नहीं वो आ सकते हैं क्योंकि वह सनातन से ही बाहर गए हुए हैं. सनातन में वापस आएंगे. अपने घर वापस आएंगे. तो सभी को इसमें खुश होना चाहिए. हमारे लोग वापस आ रहे हैं. हमारे अपने वापस आ रहे हैं.

“150 साल बाद आया महाकुंभ में नहाने का अवसर”
अध्यक्ष रविंद्रपुरी जी बताते हैं कि मैं यही कहूंगा कि बहुत दिव्य भव्य और स्वच्छ महाकुंभ प्रयागराज में हो रहा है. जितने भी हमारे भक्त गण हैं और श्रद्धालु हैं. उनको महाकुंभ में आना चाहिए. ज्ञात अज्ञात जो हमसे पाप हुए हैं. उसका प्राश्चित का यह सही अवसर है और गंगा यमुना सरस्वती में अपनी डुबकी लगाए और पुण्य के भागी बने. ऐसा अवसर फिर आपको जीवन में बहुत कम आएगा. क्योंकि आज जो अवसर मिला है. 150 साल बाद आया है. आपने सुना होगा ना 144 साल के बाद ऐसा योग बना है. इसीलिए हम कहेंगे सभी आइए क्योंकि हम सब सनातनी है. हम भगवान को मानने वाले हैं. हम राम को मानने वाले, हम कृष्ण को मानने वाले और गंगा मैया क्यों आई है गंगा मैया हमारे पाप मिटाने आई है. आपने देखा होगा ना भागीरथी गंगा लेकर आ गई क्यों लाए थे पाप मिटाने के लिए और यह सही समय है. अपने पापों का प्रश्चित कीजिए और यहां आप जो एक शपथ ले कि भाई आज के बाद हम पाप नहीं करेंगे. अगर हम घर वापसी करेंगे. यह भी शपथ ले कि अब हम आजीवन अपने घर में ही रहेंगे.

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