Greater Noida: यमुना प्राधिकरण में जमीन घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस हिमालय इन्फ्रा के निदेशक विवेक जैन को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। ACP प्रवीन सिंह की जांच के बाद बीटा 2 पुलिस ने विवेक जैन को गिरफ्तार किया है। विवेक जैन ने प्राधिकरण अफसरों के साथ मिलकर हाथरस में ज़मीन ख़रीदी थी। मथुरा हाथरस तक जमीन खरीदकर यमुना प्राधिकरण में शामिल कर भ्रष्टाचार किया गया था। कम दामों पर ज़मीन खरीदी यमुना प्राधिकरण को मोटी रकम पर ज़मीन बेचने के आरोप में 2019 में यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन CEO समेत 29 के ख़िलाफ़ मुकदम दर्ज हुआ था। इस मामले में तत्कालीन CEO PC गुप्ता भी गिरफ्तार हो चुके हैं। आरोपी विवेक जैन को मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया। जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
कब और कैसे हुआ था घोटाला
बता दें कि यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2011-12 में हाथरस में 42 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। इसके बदले किसानों को सात प्रतिशत विकसित भूखंड देने का प्रावधान था। जिसके लिए प्राधिकरण को केवल पांच हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी। लेकिन 2014 में अधिकारियों ने कुछ प्रभावशाली लोगों से मिलीभगत कर मिधावली गांव में जरूरत से अधिक 14.4896 हेक्टेयर जमीन खरीद ली थी। यह भूमि पहले फेज के मास्टर प्लान से बाहर थी। इस खरीद में 16.15 करोड़ रुपये खर्च किए गए था। जिस पर 7.77 करोड़ रुपये का ब्याज भी देना पड़ा था। प्राधिकरण को 23.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। जांच में खुलासा हुआ कि यह पूरी योजना संगठित तरीके से बनाई गई थी।
पूर्व सीईओ समेत 29 पर दर्ज हुई थी एफआईआर
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने पहले किसानों से सस्ती दर पर जमीन खरीदी और फिर उसे यमुना प्राधिकरण को कई गुना ऊंचे दामों पर बेच दिया। इस जमीन का उपयोग आज तक नहीं हुआ। इस मामले में यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी वीपी सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों समेत 29 लोगों के खिलाफ 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में अभी तक 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए हो चुके हैं।
अब कई लोगों की गिरफ्तारी होगी
निदेशक विवेक कुमार जैन ने यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन ओएसडी वीपी सिंह के साले के साथ मिलकर हिमालय इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी। जांच अधिकारी एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि विवेक की कंपनी के माध्यम से ही यह विवादित जमीन खरीदी गई थी। इस मामले में कई और गिरफ्तारी हो सकती हैं।
घोटाले के ये मुख्य आरोपी
जमीन घोटाले में यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता, एसीईओ सतीश कुमार, ओएसडी वीपी सिंह, प्रबंधक नियोजक बृजेश कुमार, तहसीलदार अजीत परेश, लेखपाल पंकज कुमार और कई अन्य अधिकारी के साथ कंपनियां शामिल हैं। जांच में पाया गया कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानबूझकर परिचितों को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन खरीद प्रक्रिया में अनियमितताएं की थी।
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