लोकसभा चुनावों के बीच आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस ने कई गिरफ्तारी की हैं। वहीं अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। डीपफेक तकनीक से बनाए गए इस वीडियो के वायरल होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस एक्टिव हो गई है। मामले की जांच कर रही नोएडा एसटीएफ ने आरोपी श्‍याम गुप्‍ता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ एसटीएफ टीम की तरफ से नोएडा साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। गुप्‍ता रेहड़ी-पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के यूपी अध्‍यक्ष हैं। इस वीडियो को यूपी बीजेपी, पीएमओ और यूपी सीएम को सोशल मीडिया X पर टैग किया गया है।

एक मई को मामले में साइबर क्राइम के तहत हुआ था केस दर्ज
इस बारे में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्‍यवस्‍था) अमिताभ यश ने बताया कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ का एआई जनरेटेड एक डीपफेक वीडियो अपलोड करके वायरल किया जा रहा था। इसमें भ्रामक तथ्य फैलाकर राष्ट्रविरोधी तत्वों को बल दिया जा रहा था। एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक मई को साइबर क्राइम के तहत केस दर्ज किया। आरोपी श्‍याम गुप्‍ता को पुलिस ने अरेस्‍ट कर लिया है। वह गौतमबुद्ध नगर के बरोला का रहने वाला है।

अमित शाह मामले में अब तक 20 लोगों को भेजा जा चुका नोटिस
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले झारखंड कांग्रेस ने अमित शाह का डीपफेक वीडियो शेयर किया था। इसके बाद एक्शन लेते हुए झारंखड कांग्रेस का X हैंडल बंद करवा दिया गया है। झारखंड कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के अध्‍यक्ष गजेंद्र सिंह को दिल्‍ली पुलिस ने नोटिस भेजा है। इसके अलावा झारखंड कांग्रेस के अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर को 2 मई को दिल्‍ली पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब किया है। दिल्‍ली पुलिस इस मामले में अब तक 20 लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा है।

क्या होता है डीपफेक?
डीपफेक वीडियो और फोटो दोनों रूप में हो सकता है। इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है। डीप लर्निंग में कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं जिन्हें देखकर वह खुद ही दोनों वीडियो या फोटो को एक ही जैसा बनाता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल करता है। इस तरह के फोटो वीडियोज में हिडेन लेयर्स होते हैं जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देखा जाता है। एक लाइन में कहें तो डीपफेक, रियल इमेज-वीडियोज को बेहतर रियल फेक फोटो-वीडियोज में बदलने की एक प्रक्रिया है। डीपफेक फोटो-वीडियोज फेक होते हुए भी रियल नजर आते हैं। बहुत ही आसान भाषा में कहें तो डीपफेक एक एडिटेड वीडियो होता है जिसमें किसी अन्य के चेहरे को किसी अन्य के चेहरे से बदल दिया जाता है। डीपफेक वीडियोज इतने सटीक होते हैं कि आप इन्हें आसानी से पहचान नहीं सकते। डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग की भी मदद ली जाती है।

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