चुनावी समर के बीच IPL में रोजाना सांसे थाम देने वाले मैच खेले जा रहे है. आखिरी ओवर की आखिर गेंद तक भरपूर रोमांच फैंस को देखने को मिल रहा है, कई बार तो मैच में इम्पैक्ट प्लेयर ऐसा गेम खेलते है कि सामने वाली टीम चारों खाने चित हो जाती है. ये वो प्लेयर होते है जो पहले से टीम में नहीं होते, लेकिन हालातों को देखते हुए मैदान में उतार दिया जाता है और वो गेम का पूरा नक्शा ही बदल देते है. इम्पैक्ट प्लेयर के नियम को IPL में 2023 में लागू किया गया था. अब यही नियम चुनाव में भी दिखाई दे रहा है क्योंकि मतदान के बीच कई ऐसे मुद्दों की सरप्राइज एंट्री हुई जो सोशल मीडिया से लेकर चाय के स्टालों तक छाए हुए है.

पूरे चुनाव में गरमागरम बहस के मुद्दे गेमचेंजर साबित हो सकते
इतना ही नहीं इन सबमें सबसे आगे इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा हैं. इसके अलावा राहुल गांधी की ओर से उछाले गए आर्थिक सर्वे के मुद्दे की भी खूब चर्चा हुई. या फिर मुस्लिम आरक्षण पर बहस. यही नहीं इस चुनाव में संविधान बदलने की बात, वोट जेहाद, पाकिस्तान फैक्टर और आम आदमी की ओर से शुरू किया गया अभियान जेल का जवाब वोट से ऐसे मुद्दे रहे जो पूरे चुनाव में गरमागरम बहस का मुद्दा बने चुके है. जो इम्पैक्टर प्लेयर का रोल निभा रहे है. बता दें अभी सिर्फ तीन चरणों के चुनाव हुए हैं और 4 चरण बाकी हैं. ये मुद्दे वो हैं जो पीएम मोदी हों या राहुल गांधी या कोई और नेता उनके हर भाषणों में सुनने को हैं. तमाम राजनीतिक विश्लेषक मानने लगे हैं कि ये मुद्दे गेमचेंजर साबित हो सकते हैं.

कांग्रेस का आर्थिक सर्वे/वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन का मुद्दा

देखा जाए तो चुनाव से पहले तक कांग्रेस की ओर से जाति जनगणना की बात तो की जाती थी. लेकिन लोगों की आर्थिक हैसियत का सर्वे और धन का पुनर्वितरण जैसे मामले चर्चा में नहीं थे. लेकिन कांग्रेस का घोषणा पत्र आने के साथ ही इस मुद्दे ने जोर-शोर से चर्चा पकड़ ली. कांग्रेस के घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से ये नहीं लिखा गया है कि पार्टी धन का बंटवारा करेगी. लेकिन पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस आय और संपत्ति की असमानता के मुद्दे पर विचार करेगी. मतलब कि अब आप ये मान ले कि लोगों की सांसों पर भी एक दिन ये नेता अधिकार जमा कर बैठ जाएंगे.

कांग्रेस मुस्लिम आरक्षण लागू कर बाकियों का हक मारने पर उतारू

वहीं अगर दूसरे सबसे अहम चुनावी मुद्दे की बात करें तो वो है मुस्लिम आरक्षण. मुस्लिम आरक्षण पर देश में समय-समय पर चर्चा जरूर होती आ रही है लेकिन इस चुनाव को ध्यान में रखकर इस पर चर्चा नहीं हुई थी. मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा इस चुनाव में तब सामने आया जब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सभी मुसलमानों को राज्य की ओबीसी लिस्ट में शामिल कर दिया. इस बात की जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दी. आयोग ने कहा कि कर्नाटक की सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षण संस्थाओं में मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को आरक्षण दिया जा रहा है. चुनाव के बीच में आए इस मुद्दे को बीजेपी ने तुरंत लपक लिया. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस सरकार एससी, एसटी और ओबीसी का हक मारकर मुसलमानों को देना चाहती है. पीएम मोदी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. साफ तौर पर देखें तो बीजेपी का कहना गलत भी नहीं है।

चुनावी गुगली की लिस्ट में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा
चुनावी गुगली की लिस्ट में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान शामिल होते रहते हैं. कांग्रेस आर्थिक सर्वेक्षण और धन के बंटवारे पर बीजेपी का हमला अभी झेल ही रही थी कि सैम पित्रोदा ने विरासत कर की चर्चा करके माहौल को और भी गर्म बना दिया. सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है. अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी धन ही अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है. पित्रोदा ने ये बयान दूसरे चरण की वोटिंग से दो दिन पहले दिया था. बीजेपी ने उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. 

कांग्रेस ने बीजेपी पर संविधान बदलने का लगाया आरोप
इस चुनाव में बीजेपी आर्थिक सर्वे और मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस घेर रही थी तो कांग्रेस ने बीजेपी पर संविधान बदलने के लिए 400 सीटें हासिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. दरअसल उत्तर प्रदेश के फैजाबाद से सांसद और बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह ने कहा था संविधान में संशोधन करना होगा और बहुत सारे काम करने हैं. सरकार तो 272 में भी बन जाती है, लेकिन 272 की सरकार संविधान में संशोधन नहीं कर सकती है. इसके लिए दो तिहाई बहुमत से अधिक सीटें चाहिए या नया संविधान बनाना हो

वोट जिहाद के मुद्दे की भी एंट्री इम्पैक्ट प्लेयर बनी

इस आम चुनाव में ‘वोट जिहाद के मुद्दे की भी एंट्री इम्पैक्ट प्लेयर जैसी हुई. इसकी शुरुआत हुई कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी के एक बयान से समाजवादी पार्टी की नेता मारिया आलम ने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक साथ वोट जिहाद करें बुद्धिमता के साथ, भावुक हुए बिना और चुप्पी के साथ. क्योंकि हम इस संधि सरकार को हटाने के लिए केवल वोट जिहाद ही कर सकते हैं. अब हाथ मिलाने का समय है, नहीं तो यह सभी सरकार हमारा अस्तित्व मिटाने में सफल हो जाएगी। बीजेपी ने तत्काल इस मुद्दे को लपक लिया और समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला

आप ने जेल का जवाब वोट से अभियान शुरू किया

2024 की चुनावी जंग में मुद्दे के रूप में एक और इम्पैक्ट प्लेयर की एंट्री हुई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी. दिल्ली शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र के खिलाफ ‘जेल का जवाब वोट से अभियान शुरू किया है. AAP ने कहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी अनुचित है. चुनावी मौसम में केजरीवाल को गिरफ्तार कर केंद्र उन्हें चुनाव प्रचार से दूर रखना चाहती है. केंद्र की इस कोशिश का जवाब जनता वोट से देगी. AAP ने कहा है कि वो इस अभियान को लेकर घर-घर और गली मोहल्ले में जाएगी.

चुनाव में पाक की एंट्री पूर्व मंत्री फलाद हुसैन के ट्वीट से हुई

भारत के चुनावों में पाकिस्तान का जिक्र न हो ऐसा बहुत कम ही होता है. इस चुनाव में भी पाकिस्तान फैक्टर हावी रहा है. इस चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री पड़ोसी मुल्क के पूर्व मंत्री फलाद हुसैन के एक ट्वीट से हुई पाकिस्तान के पूर्व मंत्रीवाद हुने ने राहुल गांधी का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर कर लिखा कि राहुल आग उगल रहे हैं. इस वीडियो में राहुल गांधी पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं.

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version