एक ओर जहां डबल इंजन सरकार पेड़ पौधों को लेकर हजारों करोड़ रुपये साल में खर्च करती है उसके रखरखाव के लिए ढेरों अधिकारी से लेकर कर्मचारी काम करते हैं तो वहीं दूसरी ओर अब खुलेआम हरियाली पर माफिया कुल्हाड़ी चला रहे हैं, जिस ओर अधिकारियों का भी ध्यान नहीं जा रहा है, क्षेत्रीय लोगों का तो कहना है कई बार प्रशासन से इस विषय की शिकायत की गई लेकिन इस न तो अधिकारी इस मामले पर ध्यान दे रहे हैं और न ही कोई सख्त कार्रवाई की अभी तक की गई है
आदेशों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां
बता दें पूरा मामला रबूपुरा का बताया जा रहा है, जहां एक तरफ सरकार वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हर साल वृक्षा रोपण अभियान चलाकर करोड़ो रूपये खर्च करती है तो वहीं दूसरी तरफ लकड़ी माफिया निजी लाभ के लिए हरियाली पर कुल्हाड़ी चलाकर चांदी काट रहे हैं. इतना ही नहीं विभाग से लेकर अन्य अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बने रहते हैं, हाल ही रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले किसान के सालों पुराने बाग से लाखों रुपए के पेड़ चोरी करने का मामला सामने आया है, वहीं जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो माफिया ने गाली गलौज के साथ मारपीट की है, जिसकी शिकायत के बाद भी कोई सुनाई नहीं हो रहीहैं,
प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप
पीड़ित किसान स्थानीय पुलिस से लेकर डीएम तक कारवाई की गुहार लगा चुका है लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी. हताश होकर पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर न्याय की मांग की है. क्षेत्र के गांव चांदपुर निवासी सत्यपाल सिंह का कहना है कि गांव स्थित उनका करीब 40 साल पुराना सहखातेदार बाग है. आरोप है लकड़ी माफियाओं ने उनके बाग से आम, जामुन, गूलर, कटहल आदि के दर्जनों पेड़ काट कर चोरी कर लिए. जानकारी होने पर किसान ने मौके पर जाकर विरोध किया तो गाली गलौज करते हुए मारपीट पर उतारू हो गए और लकड़ी को ट्रैक्टर ट्रॉली में लाद कर फरार हो गए. आरोप है शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई कारवाई नहीं तो जिलाधिकारी को पत्र देकर शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और पीड़ित कारवाई की मांग को लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है.