Jaunpur: बाहुबली माफिया धनंजय सिंह के जिले में लोकसभा चुनाव के दौरान अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ धंनजय की पत्नी श्रीकला का बसपा द्वारा टिकट कटने से जौनपुर सुर्खियों में था। वहीं, अब एक प्रत्याशी का पर्चा निरस्त होने से फूट-फूट कर रोने लगा।

प्रत्याशी ने कहा, अब तांडव होगा
जौनपुर लोकसभा उम्मीदवारों का नामाकंन का समय समाप्त होने के बाद मंगलवार जांच में निर्दलीय प्रत्याशी अमित कुमार सिंह का पर्चा खारिज हो गया. पर्चा रद्द होते ही अमित सिंह कलेक्ट्रेट परिसर में फूट फूटकर रोने लगा. पर्चा खारिज होने का जिम्मेदार उसने अधिवक्ता और नामाकंन कराने वाले अधिकारियों को ठहराते हुए कहा कि अब तांडव होगा, मैं किसी को नहीं छोड़ूंगा.

वकील ने किया धोखा, अधिकारियों ने जानबूझकर निरस्त किया पर्चा
बता दें कि दरियावगंज गांव के निवासी अमित कुमार सिंह ने जौनपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामाकंन के अंतिम दिन 6 मई को दाखिल किया था। 7 मई को दस्तावेज में जमानत राशि का चलान न होने के कारण पर्चा निरस्त कर दिया गया। पर्चा खारिज होने के बाद अमित सिंह फूट फूटकर रोने लगे। रोते हुए मीडिया से कहा कि ‘मैने नामाकंन भरने के लिए बीते 30 अप्रैल को 25 हजार रुपये जमा किया था, जिसका चालान भी वकील को दिया था। वकील ने मेरे नामाकंन के साथ चालान नहीं लगाया। पर्चा लेते समय किसी अधिकारी ने नहीं बताया कि चालान नहीं लगाया गया है. यदि बताया होता तो मैं उसे लगा देता।


पीएम मोदी और सीएम योगी के पास जाने की पास कही
अमित ने कहा कि अधिवक्ता के कहने पर मैंने 25000 का ट्रेजरी जमा कर कर अपना नामांकन जौनपुर लोकसभा से किया था. अधिवक्ता की लापरवाही से मेरे नामांकन में मूल प्रति ने नहीं लगाई गई। चुनाव लड़ने के लिए अपना घर बार सब कुछ बेच दिया था. अमित ने अपनी आवाज को पीएम मोदी और सीएम योगी तक पहुंचाने की बात कही है. वहीं डीएम कार्यालय में सीसीटीवी न लगे होने पर सवाल उठाया है. अमित ने कहा कि उसने चुनाव लड़ने के लिए 7 मार्च के बाद से खाना नहीं खाया है. मेरे 30 से 35 लाख रुपये बर्बाद हो गए.

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