फिल्म दबंग का एक डायलॉग है, “हम यहां के रॉबिनहुड हैं, नाम है रॉबिनहुड पांडे।” ये डायलॉग फिल्मी है, लेकिन जौनपुर में जैसे ही आपकी जुबान से रॉबिनहुड शब्द निकलेगा लोग खुद-बा-खुद धनंजय सिंह बोल देंगे जो फिर से चर्चा में छाए हुए है। जिन्हें कोर्ट ने 46 महीने पहले दर्ज अपहरण मामले में सजा सुनाई है। MP-MLA कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी केस में 7 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया है। जिसने जौनपुर की सियासत में भूचाल लाकर रख दिया है।
क्यों धनंजय सिंह को कोर्ट ने सुनाई सजा?
जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश पांडेय ने बताया “कि नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई, 2020 को जौनपुर के लाइनबाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में आरोप लगाया गया था कि विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ पहले उनका अपहरण किया और फिर उन्हें पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आवास पर ले गया। जहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए धमकी देने के बाद रंगदारी मांगी। वहीं मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार भी हुए लेकिन बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत हासिल कर ली थी। इसी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद कुमार त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम को दोषी करार देकर सजा सुनाई है।
अपराधों से अलग है बाहुबली धनंजय सिंह की निजी जिंदगी
धनंजय सिंह ने पहली बार रारी से विधायक बनने के बाद 12 दिसंबर 2006 को मीनू सिंह से शादी की। मीनू सिंह के पिता बिहार के पटना में बैंक मैनेजर थे। शादी के 9 महीने बाद 2007 में मीनू की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। हालांकि परिवार ने आत्महत्या बताया था। जिसके बाद 29 जून 2009 को धनंजय ने जागृति सिंह से शादी कर ली। जागृति के पिता उमाशंकर सिंह दो दशक पहले जौनपुर में परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत थे। जागृति पेशे से डॉक्टर थीं। 2013 में दिल्ली स्थित सांसद निवास में जागृति ने अपनी नौकरानी की बेरहमी से पिटाई कर दी जिससे उसकी मौत हो गई। इस विवाद के बाद 2017 में धनंजय ने आपसी सहमति से जागृति से तलाक ले लिया। उसके बाद जून, 2017 में धनंजय ने तेलंगाना की श्रीकला रेड्डी से पेरिस में शादी की और लखनऊ में हुए रिसेप्शन में योगी सरकार में शामिल कई मंत्री और राजनेता शामिल हुए थे। उस समय कृपाशंकर सिंह भी आशीर्वाद देने पहुंचे थे, जिन्हें हाल ही में बीजेपी ने जौनपुर से प्रत्याशी बनाया है। श्रीकला रेड्डी तेलंगाना की बिजनेस फैमिली निप्पो बैट्री ग्रुप से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र रेड्डी नलगोंडा जिले की कोऑपरेटिव के अध्यक्ष और तेलंगाना की हुजूर नगर सीट से निर्दलीय विधायक भी रह चुके हैं। श्रीकला की मां ललिता रेड्डी अपने गांव की सरपंच रह चुकी हैं। श्रीकला रेड्डी को 5 साल पहले बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेलंगाना में पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। साल 2021 के पंचायत चुनाव में धनंजय सिंह अपने रसूख के दम पर श्रीकला रेड्डी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बिठाने में सफल रहे। धनंजय का डॉक्टर जागृति सिंह से एक बेटा है, जो धनंजय के ही पास रहता है और श्रीकला रेड्डी से एक बेटी है।