आज सुहागिन महिलाओं का महापर्व करवा चौथ है। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाले इस व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए सुबह से ही निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को शुभ मुहूर्त में करवा माता की पूजा और कथा सुनती हैं। फिर रात को चंद्रमा के निकलने पर अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत सुबह से लेकर रात को चांद के दर्शन और पूजन के बाद समाप्त हो जाता है।

शुभ मुहूर्त कब है और पूजन विधि
कार्तिक कृष्ण तृतीया तिथि, कृत्तिका नक्षत्र, व्यतीपात योग, विष्टि करण, पश्चिम का दिशाशूल और वृषभ राशि का चंद्रमा है. सुबह 6:46 बजे से चतुर्थी तिथि शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन सूर्योदय से पूर्व हो रहा है. ऐसे में करवा चौथ का व्रत रविवार को रखना उत्तम है। इस दिन चतुर्थी तिथि में चंद्रमा होगा और उस समय रोहिणी नक्षत्र है। सुबह में भद्रा है, जिसका वास स्थान स्वर्ग है. स्वर्ग की भद्रा का दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होता है. ऐसे में करवा चौथ में भद्रा मान्य नहीं है। इसलिए व्रती बिना किसी डर के करवा चौथ का व्रत रखें। महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखें। शुभ मुहूर्त में शाम को करवा माता, गणेश जी, भगवान शिव और कार्तिकेय की पूजा विधिपूर्वक करें. चांद को चंद्रमा को अर्घ्य देकर पारण करें। करवा चौथ के व्रत का पारण बिना नमक वाले भोजन से करना चाहिए। इसमें मीठा भोजन करने का विधान है।

चांद देखने की टाइमिंग

दिल्ली           रात 07:53
नोएडा      रात 07:52
मुंबई      रात 08:36
कोलकाता  रात 07:22
चंडीगढ़    रात 07:48
पंजाब      रात 07:48
जम्मू      रात 07:52
लुधियाना  रात 07:52
देहरादून      रात 07:24
शिमला    रात 07:47
पटना    रात 07:29
लखनऊ     रात 07:42
कानपुर    रात 07:47
प्रयागराज  रात 07:42
इंदौर      रात 08:15
भोपाल       रात 08:07
अहमदाबादरात 08:27
चेन्नई    रात 08:18
बंगलूरू       रात 08:30
जयपुर       रात 08:05
रायपुर   रात 07:43
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