Greater Noida: बीते मंगलवार को सुरजपुर थाना पुलिस ने हनीट्रैप मामले का खुलासा किया था। जिसमें एक गैंग जिसकी सरगना कविता नाम की महिला है, उसने हनीट्रैप में फंसाकर अधेड़ लोगों से लाखों रूपये ब्लैकमेल कर कैश या फिर अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिये थे। ये गैंग पूरे प्लानिंग से अधेड़ वर्ग के लोगों को अपना टारगेट बनाता था। अब इस मामले में कई और चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
हनीट्रैप मामले में नया क्या
सूरजपुर थाने में गैंग से सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तारी हो चुकी है। इस गैंग का हनीट्रैप सिर्फ नोएडा या फिर ग्रेटर नोएडा तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इस गैंग ने मेरठ में भी कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। ये चौकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब मेरठ पुलिस को इस गैंग के पकड़े जाने की सूचना मिली। डर्टी गेम के गैंग की सरगना कविता और उसके लिव-इन पार्टनर के खिलाफ मेरठ के दो अलग-अलग थानों में कई मुकदमें दर्ज हैं। जानकारी के मुताबिक इस गैंग के खिलाफ परतापुर और जानी थाने में चार अलग-अलग लोगों ने हनीट्रैप में फंसाने के मुकदमें दर्ज करवाए हैं।
बेटी को बताया भतीजी
पुलिस की शुरूआती पूछताछ में गैंग की सरगना कविता ने पूजा को भतीजी बताया था, लेकिन अब पता चला कि पूजा भतीजी नहीं, बल्कि कविता की ही बेटी है। मेरठ पुलिस की जांच में ये बात सामने आई कि पूजा ने अपनी मम्मी और पापा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करवाया है। फिलहाल पुलिस अब मामले के जांच में जुट गई है कि आखिर कविता लगातार गुमराह क्यों कर रही है।
ऐसे लोगों को जाल में फंसाता था गैंग
इस गैंग की मुखिया कविता नाम की महिला है। जो अपनी बेटी और अन्य महिलाओं की मदद से अधेड़ वर्ग के लोगों को अपने निशाने पर लेते थे। उन्हें मिस कॉल या फिर मैसेज के माध्यम से पहले अपने जाल में फंसाते थे। जब सामने वाले व्यक्ति को इन पर भरोसा हो जाता था, तो उसे इस गैंग की लड़की मिलने के लिए बुलाती थी। फिर उसके कार में बैठकर होटल या फिर किसी रूम में जाने की डिमांड करती थी। जैसे ही जाल में फंसा व्यक्ति उसकी बातों में आ जाता तो गैंग के दूसरे सदस्यों का रोल यहां से शुरू हो जाता था। कार में बैठी लड़की उसी रास्ते से इन्हें अपने साथ ले जाती, जहां पहले से गैंग के लोग रास्ते में खड़े होते थे। या फिर कार में बैठी लड़की लोकेशन भेजकर गैंग के दूसरे सदस्यों को वहां बुला लेती। जिसके बाद कार को रोककर जाल में फंसे व्यक्ति के साथ बदतमीजी शुरू होती थी। गैंग के दूसरे सदस्य अपनी कार से जबरन उस व्यक्ति की कार को रोक लेते और उनके साथ मारपीट के बाद पास में जितने भी पैसे होते थे, चाहे वो कैश हो या फिर एकाउंट में उसे ले लेते थे।