एक तरफ सीएम योगी ग्रेटर नोएडा को सपनों का शहर बनाने की जुगत में लगे हुए हैं. तो दूसरी ओर प्राधिकरण के जिम्मेदार इस कवायद पर पानी फेरने में लगे हुए हैं. दरअसल बात ये है कि हाइटेक सिटी ग्रेटर नोएडा में जहां जरा सी बारिश से आधा शहर जलमग्न हो जाता है, तो वहीं यहां का जिलाधिकारी कार्यालय भी इससे अछूता नहीं है. यहां का हाल भी बेहाल हो जाता है. जिसका कारण है कि यहां पर पानी की निकासी व्यवस्था बेकार है. जिसके कारण दफ्तर के फरियादी और कर्मचारी गंदे पानी में मंझाते हुए दफ्तर में घुसने को मजबूर हैं.

प्राधिकरण की कामचोरी का खामियाजा भुगत रही जनता
गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में तेज बारिश हुई. इस बारिश ने सभी फर्जी विकास कार्यों की पोल खोल कर रख दी. कुछ घंटे की बारिश में ग्रेटर नोएडा शहर के कई स्थानों पर पानी भर गया. हालात इतने खराब हो गए हैं कि सडकों पर पानी भरने की वजह से कुछ पता नहीं चल पा रहा और वाहन गड्ढे में गिर रहे है. बड़ी बात यह है कि इस समस्या पर कोई ध्यान देने वाला तक नहीं है. कुछ घंटे की बारिश ने बता दिया कि इस शहर का अधिकारियों ने सत्यानाश कर दिया है. हल्की सी बारिश होने के स्थानों और सड़कों पर कई-कई फुट पानी भर जाता है.

पानी में डूबा कलेक्ट्रेट
वहीं जलमग्न सड़कों के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दिख रहा है कि एक बाइक बारिश के पानी होने की वजह से गड्ढे में गिर गई. एक वीडियो और वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि कलेक्ट्रेट पानी में डूबा हुआ है. जहां पर खुद अधिकारी का कार्यालय हो, वहां अगर ऐसी हालत होगी तो बाकी शहर का क्या हाल होगा? इस बात का अंदाजा जनता खुद ही लगा सकती है. फिलहाल इन सभी को लेकर ग्रेटर नोएडा के लोगों में काफी रोष है.

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