उत्तर प्रदेश में पान मसाला और तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। आज यानी कि 1 जून से यूपी में एक ही दुकान पर पान मसाला और तंबाकू की बिक्री पर रोक लग गई है।

क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

पान मसाला और तंबाकू को लेकर सरकार का यह नया आदेश उन दुकानों के लिए है, जो पान मसाला और तंबाकू दोनों को एक ही जगह पर बेच रही थे। इस प्रतिबंध का उद्देश्य इन उत्पादों की उपलब्धता को कम करना और लोगों को तंबाकू सेवन की लत से छुटकारा दिलवाना है। यह प्रतिबंध राज्य के सभी जिलों में लागू होगा और इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस नियम को लेकर दुकानदारों और ग्राहकों दोनों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

साल 2013 के नियम की हुई थी अवहेलना

पिछली बार अप्रैल 2013 में उत्तर प्रदेश सरकार ने तंबाकू युक्त पान मसाले के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। इस प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाना और तंबाकू सेवन के खिलाफ सख्त कदम उठाना था। हालांकि, कुछ कंपनियों ने इस प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए पान मसाले के साथ तंबाकू के पाउच की बिक्री जारी रखी। इन कंपनियों ने अलग-अलग पाउच में पान मसाला और तंबाकू बेचकर नियमों की अनदेखी की, जिससे यह आवश्यक हो गया कि सरकार इस दिशा में और कठोर कदम उठाए।

नियम के पीछे दूरदर्शी सोच

इस नियम और प्रतिबंध का सख्ती से पालन किए जाने और इसके उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश हैं। सरकार तंबाकू के सेवन के खिलाफ जन जागरूकता अभियान भी चलाने की योजना बना रही है, जिससे लोग इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक हो सकें। उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य में तंबाकू और पान मसाले के सेवन पर नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल जनस्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि तंबाकू से होने वाली बीमारियों और मृत्युदर में भी कमी आएगी। सरकार और समाज दोनों की यह जिम्मेदारी है कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें और तंबाकू मुक्त समाज की ओर अग्रसर हों।

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