नोएडा साइबर क्राइम थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के मामले में एक और आरोपी को हाथरस से धर दबोचा है. पकड़े गए अभियुक्त ने पीड़ित को मनी लांड्रिंग के केस का भय दिखाकर ठगी की घटना को अंजाम दिया. आरोपी 52 लाख 50 हजार रूपए की ठगी करके फरार हो गया था. वहीं पकड़े गए अभियुक्त जमुना प्रसाद रावत के द्वारा अपराध में प्रयोग किए गए बैंक खातों के खिलाफ 28 से ज्यादा थानों में मुकदमे दर्ज हैं. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

पीड़ित को दिखाया मनी लांड्रिंग के केस का दिखाया भय
थाना साइबर क्राइम नोएडा पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई की. इस कार्रवाई में पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर 52 लाख 50 हजार की धोखाधड़ी/ठगी करने वाला अभियुक्त जमुना प्रसाद रावत को पटा चौराहे के पास हाथरस रोड थाना मुरसान जिला हाथरस से गिरफ्तार किया गया है

28 अगस्त को पीड़ित से आरोपी ने ठगे 52 लाख रुपये ठगे
पीड़ित ने 28 अगस्त को थाना साइबर क्राइम नोएडा में एक मामला दर्ज किया गया. जिसमें पीड़ित के साथ अज्ञात अपराधी द्वारा ट्राई का कर्मचारी बनकर उसके मोबाईल एवं आइडी का प्रयोग मनी लांड्रिंग में किए जाने जिसकी जाँच साइबर क्राइम मुंबई द्वारा किए जाने का भय दिखाया गया. साइबर अपराधी द्वारा पीड़ित को बताया गया कि इस केस की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है जिस पर वादी को स्काई ऐप डाउनलोड कराकर वीडियो काल करके डिजिटल कस्टडी में लिया गया और वादी के रुपयों की जांच आरबीआई द्वारा किए जाने की बात बताकर उससे आटीजीएस/आइएमपीएस आदि माध्यम से 52 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि जांच के नाम पर फर्जी बैंक खाते में जमा कराई गयी. जिसके लिए पीड़ित ने कैश व लोन भी लिया गया. साइबर अपराधियों द्वारा पैसा जिस खाते में ट्रांसफर कराया गया उस खाते को आरबीआई का एसएसए (सेक्रेट सुपरविजन अकाउंट) खाता बताया गया.

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