Noida:  नोएडा के करीब 60 बिल्डर नोएडा अथॉरिटी का लगभग 2,600 करोड़ रुपये बाकी हैं। बिल्डरों से पैसे वसूलने के लिए अब प्राधिकरण पुख्ता इंतजाम कर रहा है। जो डिफॉल्टर बिल्डर हैं, उनके खिलाफ आरसी जारी की जा रही है। जिला प्रशासन ने भी रेरा के बकाये की वसूली के लिए बकायेदार बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन के इस रुख के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों में हड़कंप मचा है।

अगस्त में 46.05 करोड़ रुपये वसूले
उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के आदेशों का पालन नहीं करने वाले नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों और कंपनियों के खिलाफ आरसी जारी की है। एसडीएम फाइनेंस एंड रेवेन्यू अतुल कुमार ने बताया कि उनके पास आरसी लगातार आती है। प्रशासन का प्रयास है कि कार्य योजना बनाकर और सतर्क दृष्टि रखते हुए बिल्डरों से वसूली में बढ़ोतरी की है। अप्रैल में 15.63 करोड़ वसूला था। वहीं अगस्त में 46.05 करोड़ वसूला है।


डिपाल्टर बिल्डरों के खाते किए जा रहे सीज
एसडीएम फाइनेंस एंड रेवेन्यू के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में ने 148 करोड़ रुपए वसूली की जा चुकी है। कुछ बिल्डर्स ऐसे हैं जो दिल्ली या बाहर के हैं, उनसे वसूली के लिए जिलाधिकारी संबंधित के डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर से कोर्डिनेशन कर रहे हैं। चिट्ठियां लिखकर और वार्ता करके बाहरी बिल्डर पर सख्ती बरती जा रही है। आने वाले दिनों में इसमें अच्छा बेहतर करेंगे, जो डिफॉल्टर है उनके खाते लगातार सीज किये जा रहे हैं।

Logix बिल्डर और उसके सहयोगियों पर केस दर्ज
वहीं, Logix बिल्डर और सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी के खिलाफ नोएडा पुलिस ने केस दर्ज किया है।  थाना सेक्टर-142 पर न्यायालय के आदेशानुसार धारा 175(3) बीएनएसएस के अंतर्गत डायरेक्टर एम/एस लोजिक्स डेवेलपर प्रा. लि. सहित 11 लोगों के विरूद्ध महिला के साथ धोखाधड़ी व आपराधिक षड़यन्त्र करने के सम्बन्ध में केस दर्ज किया गया है। सेक्टर 142 पुलिस मामले की जांच कर रही है।

51 फ्लैट ओनर्स को मिला 5 साल बाद मालिकाना हक
ग्रेटर नोएडा स्थित गौर सिटी 2 की प्रिस्टिन एवेन्यू सोसाइटी में 438 फ्लैट्स में से 51 रजिस्ट्रीज होने के बाद भी प्राधिकरण मान्यता नहीं दे रहा था। प्राधिकरण का कहना था कि ये 51 रजिस्ट्री में बिल्डर मैनेजर के सिग्नेचर का मिलान ना होने का कारण है। हिमांशु वार्ष्णय का कहना था कि सारी रजिस्ट्रीज रजिस्ट्रार ऑफिस में बिल्डर रिप्रेजेंटेटिव , ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के द्वारा अप्पोइंटेड ऑफ़िसर और बायर के सामने हुई है। ऐसे में बायर्स को बिना बजय परेशान किया जा रहा था। अथॉरिटी ने देर से ही सही लेकिन बायर्स की समस्या को सुना और मामले को साल्व किया।

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