सब्जियों के बढ़ते दाम आम आदमी की कमर तोड़ कर रख देते हैं। खाने-पीने की चीजों में हुई बढ़ोत्तरी की सीधा असर जेब पर पड़ता है। जिसका परिणाम ये होता है कि लोग सोचते हैं, कि जो सरकार हमें सही दामों पर अनाज तक मुहैया नहीं करा सकती ऐसी सरकार को वोट देने से क्या फायदा। वहीं इस बार सरकार को प्याज की बढ़ती कीमतों को खामियाजा ना भुगतना पड़े। इसके लिए सरकार ने एक उपाय खोज निकाला है। चुनाव के बीच देश में प्याज की कीमतें ना बढ़ें और प्याज भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहे। इसलिए अब इसका एक्सपोर्ट को 40 प्रतिशत तक महंगा कर दिया गया है। जबकि कुछ मामलों को छोड़कर देश में प्याज के निर्यात पर ओवरऑल बैन पहले से लगा हुआ है। सिर्फ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे कुछ मित्र देशों को ही एक निश्चित मात्रा में प्याज निर्यात करने की छूट है। बीते महीने इन देशों में 99 हजार 159 टन प्याज को एक्सपोर्ट किया था।

देश से प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 प्रतिशत शुल्क देना होगा
अब वित्त मंत्रालय ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके हिसाब से देश से प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 प्रतिशत शुल्क देना होगा। ये अधिसूचना 4 मई से यानी आज से लागू हो चुकी है। प्याज के निर्यात पर सरकार ने पिछले साल अगस्त में भी 40 प्रतिशत की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी, जो 31 दिसंबर 2023 तक के लिए मान्य थी। सरकार ने शुक्रवार को ही जहां एक तरफ प्याज के निर्यात पर शुल्क लगाया है। वहीं देश में चना दाल की कमी को पूरा करने के लिए देसी चने के आयात पर शुल्क छूट देने का फैसला किया है। इंपोर्ट ड्यूटी से ये छूट 31 मार्च 2025 तक मिलेगी। इसके साथ ही 31 अक्टूबर 2024 से पहले जारी होने वाले ‘बिल ऑफ एंट्री’ के तहत विदेशों से मंगाई जाने वाली ‘पीली मटर’ पर भी सरकार कोई शुल्क नहीं लेगी। देसी चना और पीली मटर का उपयोग देश में बेसन की आपूर्ति करने के लिए होता है। प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाए जाने के अलावा किए गए सभी अन्य बदलाव भी 4 मई से ही लागू माने जाएंगे।

क्या है बिल ऑफ एंट्री
‘बिल ऑफ एंट्री’ एक कानूनी दस्तावेज होता है। जो आयातकों या सीमा शुल्क निकासी एजेंटों द्वारा आयातित माल के आगमन पर या उससे पहले दाखिल किया जाता है । इसे सीमा शुल्क निकासी प्रक्रिया के एक भाग के रूप में सीमा शुल्क विभाग को प्रस्तुत किया जाता है। एक बार ऐसा हो जाने पर, आयातक माल पर आईटीसी का दावा करने में सक्षम होगा। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बाज़ार में बिल ऑफ़ एंट्री महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक है।

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