उत्तर प्रदेश शासन ने जेलों में बंद 11 कुख्यात अपराधियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले तहत राज्य के विभिन्न जेलों में बंद 11 कुख्यात अपराधियों की जेल बदल दी जाएगी. इनमें ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल में बंद 3 कुख्यात अपराधी भी शामिल हैं. जेल विभाग द्वारा यह फैसला प्रशासनिक आधार पर लिया है.

लुक्सर जेल में बंद 3 कुख्यात अपराधियों की बदली जेल
जेल अधीक्षकों की रिपोर्ट पर डीजी जेल ने यह कार्रवाई की है. इसमें जनपद गौतमबुद्ध नगर के कुख्यात अपराधी अनिल भाटी, जुगला भाटी उर्फ जोगेंद्र भाटी और रवि नागर उर्फ रवि काना शामिल हैं. गौतमबुद्ध नगर के जिला कारागार में बंद गैंगस्टर अनिल भाटी को अंबेडकर नगर की जेल में भेजा जायेगा. अभी तक जिला जेल में बंद जुगला भाटी को बहराइच की जिला जेल में भेजे जाने का आदेश दिया गया है. इसी तरह गैंगस्टर एक्ट और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद स्क्रैप माफिया रवि नागर उर्फ रवि काना को बांदा के जेल में शिफ्ट किया जाएगा.

कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी का भतीजा है अनिल भाटी
वर्तमान में लुक्सर जेल में बंद अनिल भाटी कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी का भतीजा है. जिला प्रशासन ने उस पर रासुका लगा दी थी. अनिल भाटी सुंदर भाटी के बड़े भाई सहदेव भाटी का बेटा है. गिरोह की कमान भी वही सम्भाल रहा है. बता दें कि साल 2017 में नवंबर महीने में अनिल भाटी ने अरुण यादव से सुपारी लेकर अपने शूटर से बीजेपी नेता शिव कुमार यादव की हत्या करवा दी थी. उस दिन शिव कुमार अपने ड्राइवर बलीनाथ और प्राइवेट गनर रहीस पाल के साथ पुराना हैबतपुर में बने अपने स्कूल से कार में प्रताप विहार में बने घर जा रहे थे. तभी तिगरी गोल चक्कर के पास अनिल भाटी के भेजे बदमाशों ने दोनों ओर से घेर कर गोलियां बरसा दी थीं. इस घटना में शिव कुमार, बलीनाथ और रहीसपाल की मौत हो गई थी. इस घटना की साजिश अरुण यादव ने रची थी. अनिल भाटी ने अपने शूटर नरेश तेवतिया, रावण उर्फ अनिरुद्ध भारद्वाज, अमर फौजी उर्फ राजकुमार से अंजाम दिलाया था. इस बर्बर घटना में अनिल भाटी की भूमिका और पुराने आपराधिक रिकॉर्डों को देखते हुए उसके खिलाफ उस समय के गौतमबुद्ध नगर के तत्कालीन डीएम ने रासुका लगाने का फैसला लिया था. अनिल भाटी काफी समय से अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा है. वह कई गंभीर मामलों में वांटेड भी था. अनिल की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन ने उसके जेल बदलने का निर्णय किया है. अनिल को लुक्सर जेल में आए करीब डेढ़ साल से अधिक का समय हो गया है. अनिल हत्या, लूट, गैंगस्टर एक्ट आदि गंभीर धाराओं में सजा काट रहा है.

रणदीप भाटी गैंग का सदस्य है जुगला भाटी उर्फ जोगेंद्र भाटी
जोगेंद्र भाटी दिल्ली के मंडौली जेल में बंद कुख्यात अपराधी रणदीप भाटी गैंग का सदस्य है. वह रणदीप के लिए रंगदारी, हत्या, लूट आदि जैसे वारदातों को अंजाम देता था. उसे ग्रेनो पुलिस ने जेल में बंद रणदीप भाटी गैंग के लिए बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर से पांच लाख की रंगदारी वसूलने के आरोप में अप्रैल 2023 में बिसाहड़ा अंडरपास से गिरफ्तार किया गया था. जुगला उर्फ जोगेंद्र भाटी पर पूर्व में एक लाख रुपये का इनाम भी रह चुका है. उस पर 32 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जुगला ने साल 2011 में कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी पर एक शादी समारोह के दौरान हमला कर दिया था. रणदीप के जेल में बंद होने की वजह से वर्तमान में जुगला ही गिरोह की कमान संभाल रहा था. उसकी जिम्मेदारी गिरोह के बदमाशों को पिस्टल, गाड़ी, कपड़े व अन्य सामान उपलब्ध कराने की थी. मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद जुगला को जेल भेज दिया गया था.

कौन है रवि नागर उर्फ रवि काना?
रविंद्र नागर उर्फ रवि काना सरिया स्क्रैप के कारोबार से जरायम की दुनिया में उतरा और करोड़ों की अकूत दौलत का मालिक बन बैठा. दौलत भी इतनी बेहिसाब कि गर्लफ्रेंड को ही 100 करोड़ का बंगला गिफ्ट कर डाला. ताकत इतनी बेशुमार कि वेस्ट यूपी में भले ही ठेका किसी को मिले लेकिन स्क्रैप से भरे ट्रक उसी के गोदाम में उतरते. अनिल दुजाना गैंग से जुड़ा यही गैंगस्टर रवि काना अब पुलिस की गिरफ्त में है. नोएडा सहित वेस्ट यूपी में सरिया स्क्रैप के कारोबार पर रवि काना का एकक्षत्र राज था. वो बस एक फोन घुमाता और स्क्रैप का ठेका उसे मिल जाता. ग्रेटर नोएडा के दादूपुर गांव का प्रधान हरेंद्र नागर का छोटा भाई है. प्रधान की हत्या वर्ष 2015 में सुंदर भाटी ने करवाई थी. हरेंद्र नागर हत्याकांड गौतमबुद्ध नगर के चर्चित हत्याकांड में शामिल हैं. उसकी हत्या के बाद स्क्रैप और सरिया तस्करी का सारा काम रवि ने संभाल लिया. रवि काना और उसके गैंग के साथियों के खिलाफ एक युवती ने सामूहिक दुष्‍कर्म का मुकदमा सेक्टर-39 थाने में दर्ज करवाया था. स्क्रैप माफिया रवि पर पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म, गैंगस्टर एक्ट समेत अन्य मामलों में केस दर्ज किया था. पुलिस ने गिरोह के 16 सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें रवि की पत्नी मधु नागर भी शामिल थी. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने गिरोह के अन्य सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद रवि, मधु और काजल विदेश फरार हो गए थे. स्क्रैप माफिया रवि काना को अभी न्यायालय से राहत नहीं मिल पायी है. जबकि रवि काना की महिला मित्र काजल झा को हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी.

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