10 साल में भारत 10 सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना पर जोरो-शोरों के साथ काम कर रहा है. इस योजना के तहत दो या तीन सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र, दो या तीन डिस्प्ले फैब और विभिन्न कम्पाउंड सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने की योजना बनाई गई थी. वहीं इस योजना के लिए सरकार को अब तक चिप पैकेजिंग संयंत्र सहित सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए 20 प्रस्ताव मिल चुके हैं और सभी प्रस्ताव मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं. यहां तक कि सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली पांच परियोजनाओं को मंजूरी भी दे दी है.

1.52 लाख करोड़ रुपये निवेश वाली 5 परियोजनाओं को मंजूरी
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आकाश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना करते समय दो या तीन सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र, दो या तीन डिस्प्ले फैब और विभिन्न कम्पाउंड सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने की परिकल्पना की गई थी. मोबाइल उपकरण उद्योग के संगठन आईसीईए और सेमीकॉन इंडिया के आयोजक सेमी के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम हमेशा उद्योग के साथ जुड़े रहेंगे लेकिन जुड़ाव की प्रकृति अलग-अलग हो सकती है. 10 साल बाद ऐसी परियोजनाएं होंगी. जो चालू होंगी सेमीकंडक्टर का उत्पादन करेंगी. पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा, फिर चीजें अलग होंगी. त्रिपाठी ने आगे कहा कि हम 10 फैब लगाना चाहते हैं. सरकार को चिप पैकेजिंग संयंत्र सहित सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए 20 प्रस्ताव मिले हैं. सभी प्रस्ताव मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं और सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली पांच परियोजनाओं को मंजूरी भी दे दी है.

परियोजनाओं के लिए फंडिंग की कोई समस्या नहीं
सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन के लिए 76,000 करोड़ रुपये में से अब तक करीब 62,000 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है. इस बीच इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस. कृष्णन ने कहा है कि सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए फंडिंग की कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि डिजाइन परिवेश में भारत की महत्वपूर्ण उपस्थिति है और सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए आवश्यक वैश्विक मानव संसाधनों का 20 प्रतिशत भारत में ही उपलब्ध है.

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