जीएसटी पोर्टल में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है. दरअसल अब पोर्टल पर टैक्सपेयर्स के 7 साल से ज्यादा पुराने जीएसटी रिटर्न के डेटा डिलीट कर दिए जाएंगे. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्सनेटवर्क ने ऐलान करते हुए कहा है कि 7 से ज्यादा पुराने रिटर्न को 1 अक्टूबर से टैक्सपेयर्स एक्सेस नहीं कर पाएंगे.

पोर्टल पर लोड बढ़ने के कारण लिया गया फैसला
वहीं जीएसटी पोर्टल पर हुए इस बदलाव को लेकर जानकारों का कहना है कि रिटर्न के बहुत पुराने डेटा की वजह से जीएसटी पोर्टल पर लोड काफी बढ़ जाता है. इसी वजह से जीएसटी नेटवर्क ने 7 साल से पुराने रिटर्न के डेटा को हटाने का फैसला लिया है. इसका मतलब है कि अगर कोई टैक्सपेयर्स 7 से ज्यादा पुराने अपने रिटर्न के डेटा को देखना चाहता है तो वह उपलब्ध नहीं होगा. इस बारे में जीएसटीएन ने 24 सितंबर को एक एडवायजरी जारी की है. जीएसटीएन द्वारा जारी की गई इस एडवायजरी में कहा गया है कि 1 अक्टूबर, 2024 को सितंबर 2017 के डेटा डिलिट कर दिए जाएंगे. वहीं जो टैक्सपेयर्स अपने रिटर्न के सात साल से पुराने डेटा को रखना चाहते हैं. तो टैक्सपेयर्स जीएसटी पोर्टल से डाउनलोड कर इसे अपने पास रख सकते हैं.

टैक्सपेयर्स अपने पास सुरक्षित रख सकते हैं डेटा
जुलाई 2017 में जीएसटी का सिस्टम लागू किया गया था. जिसके तहत कई टैक्स को मिलाकर एक टैक्स की व्यवस्था शुरू की गई थी. इसका मकसद अलग-अलग राज्यों में गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स के रेट में समानता लाना और टैक्स सिस्टम को आसान बनाना था. शुरुआती सालों में टैक्सपेयर्स को नए सिस्टम की वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ा था.लेकिन, अब दिक्कतें काफी हद तक दूर हो गई है. वहीं जीएसटी से सरकार को होने वाली कमाई भी लगातार बढ़ रही है और टैक्स चोरी के मामलों में भी कमी आई है. इसके अलावा टैक्सपेयर्स 30 सितंबर 2024 तक सात साल से पुराने डेटा को जीएसटी पोर्टल से डाउनलोड कर अपने पास स्टोर कर सकते हैं. इससे भविष्य में जरूरत पड़ने पर दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि सात साल से ज्यादा पुराने डेटा सरकार के पास उपलब्ध होंगे लेकिन इसकी कॉपी हासिल करना बहुत आसान नहीं होगा.

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