पिछले काफी समय से सुर्खियों में छाई रहने वाली ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का आयोग ने फैसला कर दिया है. संघ लोक सेवा आयोग ने जहां पूजा खेडकर की आईएएस के तौर पर उम्मीदवारी रद्द कर दी है. वहीं दूसरी ओर आयोग ने उनके भविष्य में अधिकारी बनने के सपनों पर भी पानी फेर दिया है. आयोग ने पूजा के भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है. अपनी अजीबोगरीब मांगों और हरकतों को लेकर पूजा लगातार चर्चा में बनी रहीं, जिसका असर ये हुआ कि पूजा को महीनेभर में ही अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा.

नियमों के उल्लंघन के चलते गई नौकरी
सिविल सेवा परीक्षा में पूजा खेडकर ने ऑल इंडिया 841वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे पूजा आईएएस बन गई. पूजा को जून 2023 में बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर पुणे आवंटित किया गया था. लेकिन पूजा के लगातार चर्चा में रहने की वजह से मामला जांच तक पहुंच गया. सरकार ने जांच समिति का गठन किया. पूजा खेडकर से यूपीएससी ने नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था. यूपीएससी द्वारा पूजा के रिकॉर्ड की जांच-पड़ताल की गई और सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने पर उन्हें नौकरी से हटा दिया गया.

फर्जी दस्तावेज बने पूजा के गले की फांस
पुणे में अपनी पोस्टिंग के दौरान प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर अपनी कई मांगों को लेकर चर्चा में आ गईं थीं. पुणे में पोस्टिंग के दौरान पूजा ने अपने लिए अलग से केबिन और स्टाफ दिए जाने की मांग आयोग के सामने रखी थी. उनकी इन मांगों के चलते आयोग द्वारा उनका ट्रांसफर अचानक पुणे से वाशिम जिले में कर दिया गया. इसके साथ ही पूजा पर क्रीमी लेयर के तहत 8 लाख रुपये से कम सालाना इनकम और दृष्टिबाधित कैटेगरी के तहत सिविल सेवा परीक्षा देने फिर मानसिक बीमारी का सर्टिफिकेट लगाकर उच्च रैंकिंग हासिल करते हुए आईएएस में जगह बनाने के आरोप थे.

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