मोदी सरकार से MSP की गारंटी को लेकर किसान अड़े हुए है. किसानों के दिल्ली कूच के दूसरे दिन भी पुलिस और प्रशासन की सांसें अटकी रहीं. किसानों को रोकने के पुलिस हाई अलर्ट पर रहीं. शंभू बॉर्डर पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले फेंकने पर विवाद देखने को मिला. जहां एक तरफ किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रखा है, वहीं इतिहास में भी कुछ ऐसे वाकये हुए हैं जिनके बारे में शायद ही कोई जानता हो, आइये आज हम आपको ऐसे ही एक वाकये से रूबरू कराते है.
अटल बिहार ने भरी थी किसानों के लिए हुंकार
उस समय यूपी में कांग्रेस की सरकार थी और सत्ता की कमान हेमवती नंदन बहुगुणा के हाथों में थी. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के नेता हुआ करते थे और देश भर में लोगों से जुड़े हुए मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नेताओं में गिने जाते थे. साल 1973 में किसानों की गेहूं की फसल अच्छी हुई थी और यूपी की कांग्रेस सरकार किसानों को सरकारी दामों पर गेहूं बेचने के लिए मजबूर कर रही थी, सरकार का आदेश था कि सभी किसानों का सरकारी मूल्यों पर गेंहूं बेचना अनिवार्य है. वहीं सरकारी आदेश के चलते किसान परेशान थे। जिसके चलते जनसंघ ने सरकार के खिलाफ देश भर में गेहूं की लेवी आंदोलन शुरु किया. UP में गेहूं की लेवी किसान आंदोलन की अगुवाई की जिम्मेदारी अटल बिहारी बाजपेयी के हाथों में थी. ऐसे में बाजपेयी जी अपने साथ हजारों लोगों को लेकर सड़क पर उतरकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. जिससे देश की सत्ता में खलबली मच गई .
लखनऊ में किया था धरना प्रदर्शन
गेहूं की लेवी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अटल बिहारी बाजपेई ने कहा था “कि सरकार गरीब किसान मजदूरों को अपना अनाज बेचने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना था “कि किसानों के खेतों में अगर एक क्विंटल भी गेहूं पैदा हुआ है, तो उसमें से किसान आधा बेच दे” सरकार के इस आदेश पर किसान राजी नहीं थे और सरकारी आदेश का विरोध कर रहे थे.
5 दिन नैनी जेल में रहे थे अटल बिहारी वाजपेयी
किसानों के मुद्दे पर बाजपेयी जी के सड़क पर उतरने के चलते लखनऊ में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था जहां पुलिस ने बल प्रयोग किया लेकिन अटल बिहारी के साथ सड़कों पर उतरे नौजवान किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हुए. उस समय वाजपेयी जी को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक नैनी जेल में रखा गया था. किसान आंदोलन के चलते वाजपेयी जी समेत 500 लोगों को नैनी जेल की 5 नंबर बैरिक में रखा गया था. जहां बाजपेयी जी 5 दिन तक बंद रहे और बाद में जमानत पर रिहा हुए.
PM बनकर किसानों के हक़ में लिए कई फैसले
नैनी जेल से रिहा होने के बाद आपातकाल के दौरान भी वाजपेयी को जेल जाना पड़ा था। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी देश के PM बने तो किसानों के हक में कई अहम कदम उठाएं. किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा शुरू की और गेहूं का समर्थन मूल्य 19.6 प्रतिशत बढ़ाकर इतिहास रचा. इसके अलावा चीनी मिलों को लाइसेंस प्रणाली से मुक्त किया और राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना तैयार कराई.