Noida: उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी और हाईटेक शहर नोएडा में पिछले कई सालों से दीपावली आते-आते हवा जहरीली हो जाती है। वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में मुश्किल हो जाती है। इसके बावजूद नोएडा और ग्रेटर प्राधिकरण के अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस समय वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ग्रैप सिस्टम लागू किया गया है। इसके बावजूद खुले में कचरा डाला और जलाया जा रहा है।
लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत
ग्रेटर नोएडा में एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दादरी के रूपवास गांव के पास खाली पड़े प्लाट में कूड़ा फेंकर रात के अंधेरे में आग लगाई जा रही है। आग से निकलने वाले जहरीले धुंए से वातावरण में फैल रहा है। जिसके आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। स्थानीय लोगों ने खुले में कबाड़ डालकर आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
प्रदूषण से बुरा हाल
ग्रामीण किसान नेता राजकुमार रूपबास का कहना है कि दादरी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत गांव रूपवास के पास से रूपवास बाईपास गुजर रहा है। हजारों लोग रूपवास बाईपास से गुजरते हैं। इन लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। दिन या रात में कूड़ा करकट डालकर आग लगाने से धुआं निकलता है,जिसके प्रदूषण के चलते लोगों का बुरा हाल हो जाता है।
शिकायत पर सिर्फ खानापूर्ति
किसान नेता का कहना है कि पहले भी पूर्व में इसकी शिकायत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कर चुके हैं। क्योंकि हमारा गांव रूपवास और आसपास के क्षेत्र ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आते हैं। इसीलिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कर्तव्य बनता है कि कोई भी समस्या होती है तो उसका समाधान करे। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है केवल खानापूर्ति करके चले जाते हैं। शासन प्रशासन जल्द से जल्द जो प्रदूषण फैलने से रोकने के साथ बिना परमिशन के कबाड़ के गोदाम बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।