ठगी की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं। कुछ में लोगों और पुलिस की सतर्कता से खुलासा हो जाता है, तो कुछ का खुलासा सालों तक नहीं होता है। ऐसा ही एक मामला नोएडा में सामने आया है। नोएडा के सेक्टर-126 पुलिस ने विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने करीब 1200 बेरोजगार युवकों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। मामले में पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 11 आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। इनमें एक महिला भी शामिल है। आरोपी सेक्टर-132 में अरबटेक ट्रेड सेंटर में इको प्राइजेज नाम से कंपनी आपरेट कर रहे थे।

भारत सरकार के मंत्रालयों के फर्जी दस्तावेज समेत सामान बरामद
डीसीपी विद्यासागर मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर-126 थाना क्षेत्र में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है। जो बेरोजगार युवकों से संपर्क करता है और विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ठगी करता है। इसके बाद एसीपी प्रवीण कुमार सिंह की अगुवाई में मामले का पर्दाफाश करने के लिए एक टीम बनाई गई। इनपुट के आधार पर टीम ने सेक्टर-132 के अरबटेक ट्रेड सेंटर में इको प्राइजेज नाम की कंपनी में छापा मारा और 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान मेरठ निवासी समीर शाह, बिहार के गोपालगंज निवासी नंद किशोर प्रसाद, मधुबनी निवासी मोहम्मद अली अख्तर, मोहम्मद एजाज, एजाज, दरभंगा निवासी एजाज अहमद, बेगूसराय के मोहम्मद नाजिम, पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी मुस्ताक खान, 24 परगना निवासी इंद्रजीत दास, झारखंड निवासी किशोर प्रसाद और दिल्ली निवासी नजराना के रूप में हुई। समीर शाह गिरोह का सरगना है, जबकि नजराना बतौर एजेंट काम करती है। अन्य आरोपी कर्मचारी हैं, जो सरगना के दिए गए निर्देशों पर काम करते हैं। आरोपियों के कब्जे से अलग-अलग नामों से तैयार 755 नियुक्ति पत्र, 140 पासपोर्ट, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, वाईफाई राउटर, नगदी, भारत सरकार के मंत्रालयों के फर्जी दस्तावेज और चेक बुक समेत सामान बरामद हुआ है।

एयरपोर्ट पहुंचने पर पीड़ितों को होता था ठगी का एहसास
विदेश भेजने के वाले गिरोह के बदमाशों की हकीकत पीड़ितों को एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद पता चलती थी। सरगना ने नोएडा के अलावा कई अन्य शहरों में भी ऑफिस खोलकर ठगी की है। गिरोह के बदमाश पैसे मिल जाने के बाद विदेश जाने के इच्छुक बेरोजगार युवकों को एक ही दिन एक स्थान पर बुलाते थे। इन सभी को फोन पर बताया जाता था कि उनका एजेंट एयरपोर्ट पर उनके पासपोर्ट, वीजा, टिकट और जिस देश में जा रहे है, उस देश की करेंसी के साथ मिलेगा। जब लोग विदेश में नौकरी की चाह लेकर एयरपोर्ट पहुंचते थे तो वहां कंपनी का कोई भी आदमी नहीं मिलता था। इस पर जब लोग इनके दिए मोबाइल नंबर और ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश करते थे। तो मोबाइल और ऑफिस बंद मिलते थे।

आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में होगी कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आरोपियों का एक बैंक खाता सीज भी किया है। आरोपियों में कई का आपराधिक इतिहास भी बताया जा रहा है। गिरोह में कई अन्य लोगों के भी शामिल होने की जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस अब उन पीड़ितों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है, जिनके साथ आरोपियों ने ठगी की है। आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल को भी पुलिस जांच के लिए भेजेगी। आशंका है कि इनके मोबाइल से पुलिस को ठगी के संबंध में कई अहम जानकारी मिल सकती है। आरोपियों के अन्य बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई जा रही है।

4 साल पहले फर्जी कॉल सेंटर खोल शुरू की ठगी
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि बेरोजगारों से ठगी करने के लिए समीर शाह ने करीब चार साल पहले एक संगठित गिरोह बनाया और इसमें अपने करीबियों को शामिल किया। गिरोह के सदस्यों का मकसद जल्द से जल्द अमीर बनने का था, इसलिए इन लोगों ने एक फर्जी कॉल सेंटर खोला। इसी कॉल सेंटर को इको इंटरप्राइजेज कंपनी का नाम दिया गया। कंपनी का प्रचार ऑनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि के जरिए किया गया। इस प्रचार पर विश्वास कर आम नागरिक कंपनी द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी करते थे। आरोपी संगठित रूप से जगह-जगह घूम-घूम कर अपनी कंपनी का नाम बताकर विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से पैसे की ठगी करते। इस तरह के काम से जो भी पैसा इकट्ठा होता, उसे आपस में बांट लेते थे। पकड़े न जाएं, इसके लिए ये अपना नाम बदलकर लोगों के सामने आते थे। जैसे समीर अपना फर्जी नाम एस. खन्ना, नन्द किशोर प्रसाद अपना फर्जी नाम अमित, मुस्ताक खान अपना फर्जी नाम जेम्स रखा हुआ था।

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