हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई. जबकि ये बाबा खुद को ब्रह्मांड का मालिक और विष्णु का अवतार बताता है. बाबा अपने आलीशान आश्रम में व्हाइट सूट और ब्लू टाई के साथ रंगनी चश्मे में अपनी प्राइवेट फोर्स के साथ रहता है. साथ ही कहा जा रहा है कि ये बाबा उल्लू की आंख का काजल लगाता है. वहीं अब बाबा के चश्मे को लेकर नए खुलासे हुए हैं साथ ही कहा ये दावे किए जा रहे हैं कि बाबा भूतों को भगाने के साथ ही बाबा के आश्रम में हर बीमारी का इलाज मौजूद हैं.

बाबा दिव्य दृष्टि से भक्तों के इलाज का करता था दावा
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के हर रंग के चश्मे की एक अलग ही कहानी है. सूरज पाल हर मंगलवार को रंगीन चश्मा पहनता था. बाबा दिव्य दृष्टि से भक्तों के इलाज का दावा करता था. नीले रंग के चश्मे से बीमारी ठीक करने का दावा किया जाता था. हरे चश्मे से भक्तों के भूत प्रेत उतारे जाते थे. भूरे और काले चश्मे से जिन भक्तों के जीवन में शांति नहीं है उन्हें बाबा शांति प्रदान करता था. बाबा के भक्तों को विश्वास था चश्मा उतारते ही उन पर बाबा की दिव्य दृष्टि पड़ेगी जिससे उनके कष्ट दूर हो जाएंगे. जबकि यही बाबा आम दिनों में नज़र का चश्मा लगाता था.

महिलाओं के लिए स्पेशल दरबार लगाता था बाबा
बाबा मृत लोगों को भी जिंदा करने का दावा करता था. उसका दावा था कि उसके पास चमत्कारिक शक्तियां हैं, जिसका इस्तेमाल करके वह मृत को जिंदा कर सकता है. वह महिलाओं के लिए स्पेशल दरबार भी लगाया करता था. इस दरबार में वह खुद को विष्णु का अवतार बताता था. बाबा पर आरोप है कि उनके आश्रम में 16-17 साल की कई लड़कियां हैं, जिन्हें वह अपनी शिष्या बताता है. आरोप है कि वह इन लड़कियों से गलत काम भी करवाता था. इसके साथ ही बाबा सिगरेट और शराब का भी आदी है. भक्तों के लिए बाबा ने आरती भी बना रखी है. सत्संग में यही आरती की जाती है.

भूत को सभा में बुलाकर धूल चटवाने का भी दावा
नारायण साकार हरि खुद के पास सुदर्शन चक्र होने का दावा करता है. वह खुद को विष्णु का अवतार बताता है, जो प्रलय भी ला सकता है. यही नहीं सत्संग में बाबा एडिटिंग करके हाथ के पास चक्र भी घुमा कर भी दिखाता था. उसके सेवादार सब जगह प्रचार करते थे कि उसके पास चक्र है और वह उसे घुमा भी सकता है. लोग उसके पास भूत बाधा की समस्याएं लेकर भी पहुंचते थे. भक्त कहते हैं कि बाबा उनकी समस्याओं का समाधान करते थे. दावे तो ये भी हैं कि बाबा भूत को बुलाकर भरी सभा में धूल चटवाते थे. इसके साथ ही बाबा ने अपने आश्रमों में कई हैंडपंप लगवा रखे हैं, जिनको लेकर बाबा यह दावा करता था कि बड़े से बड़े रोग ठीक हो जाते हैं. लोग सत्संग में यही पानी पीते थे और भरकर भी ले जाते थे.

बाबा का आलीशान आश्रम बना ‘लापता लोक’
मैनपुरी में बाबा का महल, अबलापता–लोक बन चुका है. सूत्रों के मुताबिक पिछले 1 साल में आधा दर्जन से ज्यादा लोग गायब हो चुके हैं. लापता हो चुके हैं. जिनमें कुछ ने FIR दर्ज करवाई, तो कुछ ने बाबा और उसके सेवादारों के डर से FIR तक दर्ज नहीं करवा पाए.

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