Noida: उत्तर प्रदेश विजिलेंस डिपार्टमेंट ने 14 दिसंबर को नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी रवींद्र सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई की। विजिलेंस टीम ने नोएडा और इटावा स्थित उनके ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें करोड़ों की संपत्ति, नकदी, और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

नोएडा और इटावा में छापेमारी
विजिलेंस टीम ने एक साथ नोएडा के सेक्टर-47 स्थित रवींद्र यादव के तीन मंजिला आवासीय परिसर और इटावा के एक स्कूल पर छापा मारा। यह कार्रवाई करीब 18 घंटे तक चली। नोएडा स्थित आवास से 60 लाख रुपये के आभूषण और 2.5 लाख रुपये नकद बरामद हुए। जांच में यह भी सामने आया कि उनका यह घर लगभग 16 करोड़ रुपये का है।

दस्तावेज़ और संपत्ति का खुलासा
कार्रवाई के दौरान कई संपत्तियों के दस्तावेज भी जब्त किए गए, जिनसे उनकी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की पुष्टि हो सकती है। विजिलेंस डिपार्टमेंट की टीम इन दस्तावेजों की जांच कर रही है ताकि उनकी अवैध संपत्ति के पूरे दायरे का पता लगाया जा सके।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
रवींद्र यादव वर्तमान में निलंबित हैं। जांच में उनकी आय से अधिक संपत्ति के मामले का खुलासा हुआ था, जिसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई। विजिलेंस विभाग ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

आय से अधिक डेढ करोड़ रुपये खर्च किए
बता दें कि औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने नोएडा अथॉरिटी  के ओएसडी रविंद्र सिंह यादव को आय से अधिक संपत्ति मामले में सस्पेंड कर दिया था. ओएसडी के खिलाफ मंत्री ने विभागीय जांच का भी आदेश दिया था. जांच में पाया गया कि रविंद्र को 94 लाख 49 हजार 888 रुपये की आय राजकीय सेवा में आने की तारीख 1 जनवरी 2005 से 31 दिसंबर 2018 तक हुई। जबकि रविंद्र सिंह 2 करोड़ 44 लाख 38,547 रुपये खर्च किए। इस तरह 1 करोड़ 49 लाख 88,959 रुपये ओएसडी ने अधिक खर्च किए। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी वो किसी तरह का सबूत नहीं दे सके। विजिलेंस के मुताबिक रविंद्र यादव पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के अतिरिक्त संपत्ति है।

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