अमृतपाल सिंह का नाम तो आप सबको अच्छे से याद होगा। जी हां हम असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह की ही बात कर रहे है। दरअसल अमृतपाल सिंह पंजाब से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहा है। NSA के तहत बंद अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेगा। आपको बता दें कि इससे पहले अमृतपाल के वकील ने जानकारी दी थी कि वह चुनावी मैदान में उतर सकता है लेकिन अब यह साफ हो गया है कि NSA के तहत जेल में बंद अमृतपाल पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेगा।  

अमृतपाल की मां ने की चुनाव लड़ने की पुष्टि
अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने चुनाव लड़ने के बारे में पुष्टि की है। बलविंदर कौर ने ये भी बताया कि अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ने को लेकर कैसे राजी हुआ। उन्होंने कहा, “संगत के दबाव के कारन अमृतपाल सिंह चुनाव लडने पर राजी हुए.” इसके साथ ही अमृतापल की मां ने कहा “कि उनका बेटा राजनीति में नहीं आना चाहता था।” बता दें कि 25 अप्रैल को अमृतपाल सिंह के परिजनों ने जेल में उससे मुलाकात की थी।

अमृतपाल 7 से 17 मई के बीच दाखिल कर सकता है नामांकन
अमृतपाल सिंह ने मीडिया के लिए एक ऑडियो मैसेज जारी किया था। जिसमें उसने कहा था कि वह खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है और वह किसी भी पार्टी के पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव नहीं लड़ेगा। वकील ने बताया था कि अमृतपाल 7 से 17 मई के बीच नामांकन दाखिल कर सकता है। आपको बता दें कि इससे पहले अमृतपाल के वकील राजदेव सिंह खालसा ने जेल में उससे मुलाकात की थी, जहां दोनों के बीच चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हुई थी।

अजनाला पुलिस थाने पर हमला करने के मामले में हुई जेल
पिछले साल 23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था। अमृतपाल और उसके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे। ये पूरा बवाल आठ घंटे तक चला था। ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग को लेकर हुआ था। लवप्रीत तूफान को लिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था। हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। इस घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसके बाद अमृतपाल के कई साथी पकड़े गए लेकिन वो कई दिनों तक फरार रहा। बाद में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए भी लगा दिया था। इस घटना के लगभग दो महीने बाद अमृतपाल गिरफ्तार हुआ था। तभी से वो असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल पर कई केस दर्ज हैं।

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