ग्रेटर नोएडा में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने की तारीख सामने आ गई है. एयरपोर्ट पर पहले 28 सितंबर से उड़ानें शुरू होनी थीं. मगर डेडलाइन पर काम पूरा नहीं होने के कारण अब 17 अप्रैल 2025 से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को फंक्शनल बनाने की घोषणा की गई है. अप्रैल तक सभी कार्यों को पूरा कर यहां से उड़ान शुरू करने की पूरी तैयारी है. नागरिक उद्यान महानिदेशालय की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में इस पर निर्णय ले लिया गया है. कमर्शियल फ्लाइट्स की शुरुआत से पहले उड़ानों की लिस्‍ट तय करने और जरूरी एनओसी के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है.

एयरपोर्ट पर एक रनवे का काम हुआ पूरा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक रनवे का काम पूरा कर हो गया है. इस रनवे पर ही कमर्शियल उड़ानों का ट्रायल शुरू किया जाएगा. इस ट्रायल के शुरू होने के बाद बोर्ड रिपोर्ट मंगाई जाएगी. जिसके आधार पर आगे की उड़ानों को तय किया जाना है. यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि बैठक में ये फैसला लिया गया है कि 30 नवंबर को कमर्शियल उड़ानों का ट्रायल होगा. इस ट्रायल में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, अकाशा और इंडिगो जैसी एयरलाइंस भाग लेंगी. इसके लिए एयरपोर्ट पर कैटेगरी एक और कैटेगरी तीन दोनों इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम स्थापित कर दिए गए हैं. डीजीसीए की ओर से इसका परीक्षण भी किया गया है.

मार्च 2025 तक डीजीसीए से लाइसेंस मिलने की उम्मीद
सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि 4 से 6 अक्टूबर तक आईएलएस का कैलिब्रेशन किया जाएगा. जिसकी रिपोर्ट 10 अक्टूबर तक पेश कर दी जाएगी. कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट 15 अक्टूबर तक जारी हो जाएगा. फ्लाइट्स का प्रोसेस 15 नवंबर तक डीजीसीए को दिए जाने की तैयारी की जा रही है. वहीं 25 नवंबर तक डीजीसीए उड़ानों का ड्राइंग बनाएगा.वहीं सीईओ ने 30 नवंबर को होने वाले कमर्शियल फ्लाइट ट्रायल में एक से दो दिन का समय लगने का अनुमान जताया है. इसके बाद दिसंबर में एयरोड्रोम लाइसेंसिंग के लिए आवेदन करने की योजना है. अधिकतम 90 दिनों में डीजीसीए की ओर से इसके लिए लाइसेंस जारी हो जाएगा. मार्च 2025 तक इसका लाइसेंस मिलने की उम्मीद जताई गई है.

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