गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को 28 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से बांदा मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद बांदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने कल उसके शव का पोस्टमार्टम किया. उसके बाद मुख्तार के शव को गाजीपुर लाया गया और आज मुख्तार को उनके पैतृक निवास युसूफपुर मोहम्मदाबाद में कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. जनाजे से पहले एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी अपने पिता के मूछों पर अंतिम बार ताव दे रहा है.

बेटे ने दिया पिता की मूछों को आखिरी बार ताव

मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही एक युग और राजनीति के साथ उसके गठजोड़ के एक अध्याय का भी अंत हो गया है. अंसारी के खिलाफ हत्या से लेकर जबरन वसूली तक के 65 मामले दर्ज थे, फिर भी वह विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर मऊ सदर से लगातार पांच बार विधायक चुना गया था. साल 1993 में एक प्रभावशाली परिवार में जन्में अंसारी ने राज्य में पनप रहे सरकारी ठेका माफियाओं में खुद को और अपने गिरोह को स्थापित करने के लिए अपराध की दुनिया में प्रवेश किया था और अब उसका अंत हो चुका है. वह शुरू से ही मूछ रखता था और चुनावी भाषण के दौरान अपने मूछों पर ताव दिया करता था. आज अंतिम बार उसके बेटे उमर अंसारी ने उसके मूछों पर ताव दिया और उसको सुपुर्द-ए-खाक किया.

मुख्तार अंसारी के परिवार में कौन-कौन
मुख्तार अंसारी के पिता का नाम सुब्हानउल्लाह अंसारी थी जबकि मां का नाम बेगम राबिया. सुब्हानउल्लाह को तीन बेटे, बड़ा बेटा सिबकतुल्लाह अंसारी, बीच वाले अफजाल अंसारी और सबसे छोटा मुख्तार अंसारी था. मतलब मुख्तार अपने पिता का सबसे छोटा बेटा था. मुख्तार के बड़े भाई सिबकतुल्लाह अंसारी की शादी जौहर फातमा से हुई जिनसे तीन बेटे हुए. पहला बेटा सुहेब अंसारी, दूसरा सलमान अंसारी और तीसरा बेटा सहर अंसारी है. दूसरी ओर मुख्तार के दूसरे अफजाल अंसारी की शादी फरहात अंसारी से हुई और इनको तीन बेटियां मारिया अंसारी, नुसरत अंसारी और नुरिया अंसारी हैं.मुख्तार अंसारी की शादी अफशां अंसारी से हुई थी. मुख्तार के दो बेटे हैं. बड़े बेटे का नाम अब्बास अंसारी जबकि छोटे का नाम उमर अंसारी है. मुख्तार की पत्नी से लेकर बेटों तक पर गंभीर आरोप लगे हुए हैं. मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. इसके अलावा वो 1926-1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और फिर मुस्लिम लीग अध्यक्ष भी रहे. कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी के दादा महात्मा गांधी के काफी करीबी थे और गांधीवादी विचारधारा से भी जुड़े हुए थे. बंटवारे के वक्त उनके परिवार के कुछ सदस्य पाकिस्तान चले गए, लेकिन उन्होंने भारत में रहना ठीक समझा.

दोनों बेटों में एक जेल में तो दूसरा जेल के बाहर
मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी निशानेबाजी में तीन बार का राष्ट्रीय चैंपियन है और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए मऊ से 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भी जीत चुका है. अब्बास अंसारी के खिलाफ आर्म्स लाइसेंस को लेकर केस दर्ज है. इसके साथ-साथ यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का भी आरोप है. अब्बास अभी भी जेल में बंद है. वहीं मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा उमर अंसारी पर भी हेट स्पीच को लेकर मुकदमा दर्ज है. पिता और भाई के जेल में जाने के बाद उमर अंसारी ही अंसारी विरासत को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है.

कौन होगा पिता की विरासत का असली वारिस
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में जिसकी कभी तूती बोलती थी वो मुख्ताक अंसारी जिसका जिस रास्ते से काफिला निकलता था तो लोग खुद-ब-खुद सड़क खाली कर देते थे। जिसे लोग अपना मसीहा मानते थे। ऐसे रुतबे और रूआब वाले मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि अब मुख्तार अंसारी की विरासत को आगे कौन बढ़ाएगा? चू्किं बडा बेटा होने के नाते ये जिम्मेवारी तो अब्बास को मिलनी चाहिए थी लेकिन अब्बास अंसारी तो अभी जेल में हैं, तो क्या अब उमर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे या फिर मुख्तार के द्वारा खड़ी की गई ये जुर्म की दुनिया भी उसके साथ ही दफन हो जाएगी।

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