फतेहपुर की 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर PWD का बुलडोजर मंगलवार को गरजा. मस्जिद के अवैध हिस्से को आरएएफ और अर्धसैनिक बल की मौजूदगी में तोड़ दिया गया है. दरअसल इस मामले में तकरीबन एक महीना पहले PWD की ओर से मस्जिद प्रबंधन को एक नोटिस भेजा गया था. जिसमें मस्जिद प्रबंधन को अवैध कब्जा गिराने का नोटिस दिया गया था. वहीं PWD के इस नोटिस के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई लेकिन कमेटी के स्टे नहीं मिला जिसके बाद मंगलवार को ये कार्रवाई की गई.
17 अगस्त को दिया गया था मस्जिद कमेटी को नोटिस
वहीं मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने को लेकर लोक निर्माण विभाग का बयान सामने आया है. विभाग द्वारा अपने बयान में कहा है कि ललौली कस्बे के नूरी मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा मार्ग पर अवैध निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग द्वारा 17 अगस्त को नोटिस दिया गया था. 24 सितम्बर को ललौली कस्बे के अवैध निर्माण को अभियान चलाकर लोक निर्माण विभाग द्वारा हटाया गया. उसी समय मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा समय लिया गया था कि वो स्वयं इस अवैध निर्माण को ढहा देंगे. किंतु उनके द्वारा अवैध निर्माण नहीं हटाए जाने पर जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम द्वारा उक्त कार्रवाई की गई है.
सड़क चौड़ीकरण में आ रही थीं दिकक्तें
पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिले के ललौली थाना क्षेत्र के कस्बा नूरी जामा मस्जिद करीब 180 साल पुरानी है. ये मस्जिद कस्बे से गुजरी बांदा-बहराइच हाईवे पर है. इस सड़क के चौड़ीकरण का निर्माण कार्य होना है. मस्जिद का कुछ भाग अतिक्रमण के दायरे में आने के कारण सड़क चौड़ीकरण को लेकर शासन ने इमारत को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. नूरी जामा मस्जिद के इंतजामिया कमेटी की तरफ से एडवोकेट सैयद अजीम उद्दीन ने धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र का हवाला देते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है. मस्जिद कमेटी का तर्क है कि इस ऐतिहासिक संरचना को नष्ट करना अनुचित है और सांस्कृतिक विरासत को हानि पहुंचाने वाला कदम है. हालांकि केस टेकअप नहीं हो पाने की वजह से बीते 6 दिसंबर को होने वाली सुनवाई टाल दी गई.