Greater Noida: नीति में बदलाव के बाद यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना निकाली है। इस योजना में ई नीलामी के माध्यम से छह प्लॉटों का आवंटन किया जाएगा। सभी प्लॉट सेक्टर 22 डी में हैं। इसमें पांच प्लॉट बीस हजार वर्गमीटर, एक प्लॉट चालीस हजार वर्गमीटर का है।
नीति में किया बदलाव
बता दें कि यमुना प्राधिकरण ने कई वर्षों के लंबे इंतजार के बाद ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना निकाली थी, लेकिन योजना में पर्याप्त आवेदन न आने के कारण योजना रद हो गई। योजना को सफल बनाने के लिए प्राधिकरण ने नीति में बदलाव का रोफर का नियम लागू किया। इसके अनुसार तीन से कम निविदा आने पर आवेदन की अवधि को एक-एक सप्ताह कर दो बार बढ़ाया जाएगा। इसके बावजूद अगर तीन से कम निविदा आती हैं तो भी प्लॉट का आवंटन कर दिया जाएगा।
26 अप्रैल को होगा आवंटन
सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि योजना 18 मार्च को समाप्त होगी। इसके बाद 26 अप्रैल को ई नीलामी की प्लॉट का आवंटन होगा। ग्रुप हाउसिंग से पहले यमुना प्राधिकरण कामर्शियल फुटप्रिंट, दुकान, फ्यूल स्टेशन, होटल आदि की की प्लॉट योजना निकाल चुका है।
नीलामी से होगा आवंटन
फ्यूल स्टेशन एवं होटल योजना में तीन-तीन प्लॉट का आवंटन नीलामी से किया जाएगा। नीति में बदलाव के बाद यमुना प्राधिकरण को इस बार ग्रुप हाउसिंग योजना सफल होने की उम्मीद है। इससे प्राधिकरण को अच्छा राजस्व मिलेगा।
भूमि क्रय के लिए बजट बढ़ाया जाएगा
यमुना प्राधिकरण (यीडा) आगामी वित्त वर्ष के लिए भूमि क्रय के लिए बजट बढ़ाएगा। प्राधिकरण में परियोजनाओं के लिए जमीन की जरूरत को देखते हुए इस मद में राशि बढ़ाने की तैयारी है। इसके साथ ही ग्राम्य विकास व सेक्टरों में विकास कार्य के लिए भी खर्च को बढ़ाया जाएगा। प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक 26 फरवरी को होनी है। इसमें मुख्य रूप से आगामी वित्त वर्ष के लिए बजट आवंटन किया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण मास्टर प्लान 2041 में शामिल सेक्टर पांच, छह, सात, आठ व नौ के लिए जमीन अधिग्रहण करेगा। आवासीय से लेकर अन्य योजनाओं के लिए प्राधिकरण के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है। इसलिए नए नियोजित सेक्टर की जमीन अधिगृहीत की जाएगी। इस जमीन को आवासीय, मिश्रित भूमि उपयोग, कामर्शियल उपयोग के लिए आवंटित किया जाएगा।
मास्टर प्लान में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को मिली थी अनुमति
प्राधिकरण की 79वीं बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान 2041 को स्वीकृति मिलने के साथ ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश दिए गए थे। इसलिए आगामी बोर्ड बैठक में जमीन अधिग्रहण के लिए आवंटन राशि को बढ़ाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण को जमीन अधिग्रहण के लिए 3000 करोड़ रुपये ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया है। तकरीबन इतनी ही धनराशि प्राधिकरण भी आगामी बजट में जमीन अधिग्रहण की मद में आरक्षित करेगा।