हाथरस सत्संग हादसे का जिम्मेदार सूरजपाल उर्फ साकार हरि उर्फ भोले बाबा की पैठ बड़े-बड़े नेताओं से रहे हैं। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी भोले बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। यहीं नहीं बसपा सरकार में भोले बाबा लाल बत्ती की गाड़ी में सत्संग स्थल तक पहुंचता था। कार के आगे आगे पुलिस एस्कॉर्ट करते हुए चलती थी। बसपा सरकार में तत्कालीन जनप्रतिनिधि सत्संग में शामिल पहुंचते थे। सत्संग स्थल पर पुलिस की जगह उनके स्वयंसेवक ही कमान संभालते हैं।


अखिलेश ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी तस्वीरें
अखिलेश यादव पिछले साल जब सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि के कार्यक्रम में पहुंचे थे, तो सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी फोटो के एक पोस्ट शेयर की थी। इसमें अखिलेश यादव ने कहा था कि नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो।


20 हजार की परमिशन पर जुटे थे 50 हजार
सिंकदरामऊ के रतिभानपुर मुगल गढ़ी में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुए हादसे को लेकर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी यह तो स्वीकार कर रहे हैं कि कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एसडीएम की परमिशन थी और वहां सुरक्षा के इंतजाम भी थे. हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार तथा आगरा जोन की एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ दोनों ने लगभग यही बात कही है. हादसे के संबंध में दोनों ही अधिकारियों ने यह माना है कि हादसे की वजह प्रथमदृष्टया भगदड़ है। सत्संग के लिए जो लिए परमिशन ली गई थी, उसमें 20 हजार लोगों के आने की बात कही थी। लेकिन सत्संग में 50 हजार से अधिक लोग पहुंचे थे।


सत्संग में बांटा जाता है पानी
भोले बाबा के सत्संग में जो भी भक्त जाता है, उसे प्रसाद के रूप में पानी बांटा जाता है. बाबा के अनुयायी ऐसा मानते हैं कि इस पानी को पीने से उनकी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। बाबा का पटियाली तहसील के बहादुर नगर गांव में स्थित आश्रम में भी दरबार लगता है। यहां आश्रम के बाहर एक हैंडपंप का पानी पीने के लिए भी लंबी लाइन लगती है।

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